Monday, December 28, 2015

दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड  


ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड

२०१४ के मार्च में अच्छी साईकिलिंग जारी रही| शतक करने के दो दिन बाद और एक राईड हुई| पुणे जिले के ग्रामीण इलाकों में गाँवों को जोडनेवाली सड़कों पर भी साईकिल चलायी| हर एक राईड का अपना अलग मज़ा होता है| और यदि एक ही रूट पर भी‌ साईकिल चला रहे हैं, तो भी हर दिन का अलग मज़ा होता है|

इस राईड के लिए दोपहर साढ़े तीन बजे निकला| बड़ी राईड की योजना नही है, बस चालिस किलोमीटर तक घूमना है| गूगल मैप पर रूट तय किया और निकला| इस राईड में दो डैम दिखेंगे| भामा असखेड डैम के रोड पर जाऊँगा और उसे दूर से ही‌ देख कर वापस आऊँगा| आते समय जाधववाडी डैम के पास से और फिर भण्डारा हिल के पीछे से आनेवाली सड़क से आऊँगा| सामान्य, कच्ची और खराब सड़क पर से साईकिल जाएगी| मार्च महिना होने के कारण गर्मी बढ़ रही है और इसलिए हरियाली के बजाय रुखापन अधिक दिखा|


हाल ही में दिवंगत हुए किसान नेता शरद जोशी जी का घर





Friday, December 25, 2015

दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  


तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड


२०१४ के मार्च माह में पुणे जिले के चाकण क्षेत्र में अच्छी राईडस हुई| कुछ दिन लगातार साईकिल चलायी- लगभग हर रोज तीस चालिस किलोमीटर साईकिल चलायी| अब फिर बड़ी राईड की योजना बनायी- इस बार पुणे जिले में नारायणगाँव के पास जीएमआरटी अर्थात् Giant Meterwave Radio Telescope देखने जाना है| यह एक रेडिओ दुरबीन है और उसे देखने की इच्छा बरसों से थी| अब सोच रहा हूँ कि साईकिल पर ही वहाँ जाऊँ| चाकण में मै इन दिनों जहाँ रह रहा हूँ, वहाँ से यह करीब बावन किलोमीटर होगा|

सुबह सूरज उगने के समय निकला| पुणे- नाशिक हायवे पर ट्रैफिक कम है| सुबह की ताज़गी और रमणीय माहौल! भामा और भीमा नदियों को पार कर राजगुरूनगर पहूँच गया| यह क्रांतिकारी राजगुरू का गाँव है| अब यहाँ से यह हायवे सिंगल लेन होगा| इसपर बड़ी हेवी ट्रैफिक रहती है| पहले कुछ डर लगा, लेकिन फिर कोई दिक्कत नही आयी| गाँव में होटल ढूँढे, पर वे अभी बन्द है| कई बार ऐसा होता है कि हम होटल पसन्द करने में समय लगाते हैं और सभी होटल पीछे छूट जाते हैं! कुछ ऐसा ही हुआ और गाँव पीछे गया, लेकिन 'अच्छा' होटल नही मिला| थोड़ी देर बाद हायवे पर एक होटल मिला| नाश्ता कर आगे बढ़ा| यहाँ अब एक छोटा घाट है|







Monday, December 21, 2015

दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  

नई सड़कों पर साईकिल यात्रा

२०१४ के फरवरी माह में सिर्फ दो राईडस की- ११२ और ९३ किलोमीटर की| लेकिन अब धीरे धीरे लग रहा है कि नियमित रूप से साईकिल चलानी चाहिए| मार्च में कुछ दिन पुणे के चाकण के पास रहना हुआ| वहाँ साईकिल ले कर ही गया| इस दौरान काफी साईकिल चलायी| कई नई सड़कों पर यात्रा की| पुणे के डिएसके विश्व से निकलने के पहले लगातार दो बार डिएसके का क्लाईंब पार किया| अब ऐसी साधारण चढाई की आदत हो गई है| उसी दिन पुणे से चाकण जाते समय ही एक घाट रास्ते से गया- विश्रांतवाडी- आळंदी- चाकण| विश्रांतवाडी के आसपास मिलिटरी के कई स्थान है- बाँबे सॅपिअर्स, मिलिटरी इंजिनिअरिंग कॉलेज और अन्य| मिलिटरी के परिसर से जाते समय एक अलग अहसास होता है! जल्द ही लदाख़ में साईकिल चलाने के बारे में सोच रहा हूँ| मिलिटरी के जवान देख कर और हौसला बढ़ता है| आळंदी के बाद का घाट छोटा ही है| मुश्किल से ढाई किलोमीटर लम्बाई होगी और चढाई भी कम है| लेकिन नजारा बहुत सुन्दर| और खास बात यह कि सड़क पर यातायात बहुत कम है|‌ साईकिल चलानेवालों के लिए ट्रैफिक की दिक्कत बहुत होती है| हायवेज पर सड़क की गुणवत्ता अच्छी होने के बावजूद ट्रैफिक का डर लगता है| लेकिन ऐसे रास्ते हो तो बहुत मज़ा आता है| बिना कोई तकलीफ हुए पचास से अधिक किलोमीटर हो गए और चाकण पहुँच गया|








Thursday, December 17, 2015

दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 


एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!


८ फरवरी को दूसरा शतक होने के बाद कुछ दिन विराम आया| छोटी दूरी तक साईकिल चलाने की इच्छा नही हुई| इन दिनों मुझे छोटी पर नियमित राईडस का महत्त्व भी पता नही था| इसलिए विचार बड़ी राईडस का ही करता था| दिनों दिन डे- ड्रिमिंग चलता| शीघ्र ही अगली यात्रा की योजना बन गई| समन्दर का बड़ा आकर्षण मन में है| इसलिए सोच रहा हूँ कि समन्दर के तट तक साईकिल चलाऊँ| पुणे से कोंकण में दिवे आगार तक जाने की योजना बनायी| मेरे घर से करीब १६० किलोमीटर दूरी है| पहले १२१ और ११२ किलोमीटर चलाने के कारण १६० किलोमीटर करने का हौसला है| और इस राईड में मुझे घाट उतर कर कोंकण में जाना है| इसलिए करीब २० किलोमीटर की उतराई भी मिलेगी| इंटरनेट से सारी जानकारी जुटायी और तैयार हुआ|

२३ फरवरी २०१४| इस बार सुबह होने के पहले ५.३० बजे ही बाहर निकला| पहली बार एक इंडिकेटर लाईट का प्रयोग किया| साईकिल पर बोतल लगाने के लिए एक छोटा स्टँड भी लगाया है| सुबह की घनी ठण्ड| थोड़ी ही दूर जाते ही बोतल गिरी| फिर उसे बैग में ही रखा| अन्धेरे में ही राष्ट्रीय राजमार्ग ४ पर साईकिल चलाना शुरू किया| एक इंडिकेटर रखा है और एक टॉर्च जैसा लाईट भी लिया है| लेकिन जल्द ही ये दोनो पर्याप्त नही साबित हुए| करीब डेढ घण्टे तक अन्धेरे में ही साईकिल चलायी| हायवे पर चलाते समय दिक्कत आयी, लेकिन आगे और पीछे के वाहनों की रोशनी भी थी| बारह किलोमीटर बाद हायवे छोडा तब मुश्किल बढी, क्योंकि अब रोशनी बिल्कुल ही कम है| और बीच में तेज़ रफ्तारवाले वाहन अचानक से सामने आ रहे है| उससे आँखें चुन्धिया जा रही है| करीब डेढ घण्टे के बाद धीरे धीरे उजाला होने लगा| तब तक एक पाँचवे ग्रेड की चढाई पार हो गई|







Friday, December 11, 2015

दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . .

दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 


दूसरा शतक. . .


१६ जनवरी को सिंहगढ़ जाने के बाद साईकिलिंग जारी रखी| १९ जनवरी को पुणे के पास ही चाकण तक साईकिल से गया| और इसी राईड के दौरान जीवन का एक स्वर्णिम क्षण आया- "गूड न्यूज" इसी राईड के बीच पता चली| जीवन का एक नया पर्व शुरू होने जा रहा है! और इस घड़ी में भी‌ साईकिल साथ है| अब अर्धशतक करना एफर्टलेस हो गया है| बाद में चाकण से पुणे लौटते समय एक दूसरे आळंदी- विश्रांतवाडी- पुणे इस रास्ते से गया| शहर के अत्यधिक पास हो कर भी वीरान सड़क मिली| साईकिल पर यात्रा करने से बहुत सी सुन्दर और अन्जान सड़के पता चल रही है| इसी समय साईकिल का पहला सर्विसिंग भी करवा लिया| वैसे साईकिल बड़ी ही सख्त जान है| हजार किलोमीटर से अधिक चलाने के बाद भी उसे कुछ नही हुआ है| खैर

कुछ दिन नियमित रूप से साईकिल चलायी| ज्यादा नही, छोटी पन्द्रह- बीस किलोमीटर की ही‌ राईड करता रहा| लेकिन फिर गैप तो आनेवाला है| थोड़े दिन साईकिल नही चला पाया| अब फिर मन में बड़ी राईड की इच्छा हो रही है| अब लग रहा है कि और एक शतक करना चाहिए| पहला शतक हो कर अरसा हुआ है| अर्धशतक तो बहुत हो गए, उन्हे गिनना भी‌ छोड दिया| लेकिन शतक का अब भी इन्तजार है| इसलिए एक बड़ी राईड की योजना बनायी| और योजना बनाना मन का बड़ा ही पसन्दीदा काम है| डे ड्रिमिंग! योजना बनाते समय का गणित अलग ही होता है| जो योजना बनायी थी, उसे देख कर अब भी हंसी आती है! इतनी साईकिलिंग करने के बाद और साईकिलिंग की गति तथा प्रक्रिया की जानकारी होने के बाद भी एक मूढताभरी योजना बनायी| सोचा की सीधा डबल सेंचुरी करूँगा| पुणे से महाबळेश्वर जा कर वापिस आऊँगा| जाते समय एकसो दस और आते समय एकसो दस किलोमीटर करूँगा| इसमें कंटिन्जन्सी प्लैन यह भी था की लौटते समय थक गया तो बस या जीप से आऊँगा! लेकिन वास्तव में जो हुआ, वह बिल्कुल ही‌ अलग था!






इस राईड की जाते समय की चढाई और उतराई

Thursday, December 3, 2015

दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २!


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 


सिंहगढ़ राउंड २!

जनवरी २०१४ में साईकिलिंग जारी रही, लेकिन उसमें सातत्य नही ला पाया| ७ जनवरी को एक छोटी राईड की| साईकिलिंग में गैप आने के बावजूद भी अब हौसला बढ़ गया है| शायद जो योगासन और प्राणायाम कर रहा हूँ (सप्ताह में हर रोज न सही लेकिन कम से कम चार बार) और जो जंप्स लगा रहा हूँ, उससे स्टॅमिना जरूर बढ गया है| अब डिएसके का छोटा क्लाइंब बहुत आसानी से पार कर सकता हूँ| अब फिर एक बार सिंहगढ़ जाने का विचार है| चार माह बाद फिर सिंहगढ़ जाने का विचार इसलिए है कि मै २०१४ के जून- जुलाई में लदाख़ में साईकिल चलाना चाहता हूँ| उसके लिए मै कितना तैयार हूँ और पीछले मुकाबले सिंहगढ़ पर कैसे जा सकता हूँ, यह वही जा कर पता चलेगा|

१६ जनवरी को दिन खुलने से पहले निकल गया| जाड़े के दिन हैं, तो बहुत ठण्ड भी है| इसलिए स्वेटर पहना है| लेकिन दस मिनट साईकिल चलाने के बाद ही पसीना आ गया, तो स्वेटर कैरिअर पर रखना पड़ा| वैसे पसीना भी‌ एक तरह का फिटनेस इंडिकेटर है| जितना स्टॅमिना अच्छा होगा, उतना पसीना देर से आएगा| साँस भी देर से फूलेगी| अगर स्टॅमिना कम हो, तो तीन मंजिल चढने के बाद भी पसीना आ सकता है; लेकिन अगर स्टॅमिना अच्छा और मजबूत हो, तो उतने में पसीना नही आएगा| खैर|





Tuesday, December 1, 2015

दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग

दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 

शहर में साईकिलिंग  
१९ अक्तूबर को ६३ किलोमीटर साईकिल चलायी थी| उसमें बहुत अधिक चलना भी हुआ| बड़ी राईड के बाद अक्सर यह होता है की कभी कभी अगली‌ राईड की इच्छा चली जाती है| बड़ी राईड में शरीर के साथ मन भी थक जाता है| इसलिए तुरन्त कोई बड़ी राईड नही की‌ जा सकी| उसके बाद कुछ दिनों का गैप भी आया| किसी भी काम में यही होता है| जैसे एक्सरसाईझ- हम कुछ दिन नियमित रूप से करते हैं, फिर अचानक लय टूट सी जाती है| कुछ दिनों का गैप आता है| किसी ना किसी वजह से ऐसा हो जाता है|