Friday, June 28, 2019

“भाग दौड़" भरी ज़िन्दगी- ११: दोबारा नई शुरुआत

११: दोबारा नई शुरुआत
 

डिस्क्लेमर: यह लेख माला कोई भी टेक्निकल गाईड नही है| इसमें मै मेरे रनिंग के अनुभव लिख रहा हूँ| जैसे मै सीखता गया, गलती करता गया, आगे बढता गया, यह सब वैसे ही लिख रहा हूँ| इस लेखन को सिर्फ रनिंग के व्यक्तिगत तौर पर आए हुए अनुभव के तौर पर देखना चाहिए| अगर किसे टेक्निकल गायडन्स चाहिए, तो व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर सकते हैं|

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सितम्बर २०१८ में मेरी पहली फुल मैरेथॉन थी| २ सितम्बर को ३६ किलोमीटर दौड़ने से अच्छा हौसला आया| ३० सितम्बर के मैरेथॉन के पहले अब सिर्फ छोटे छोटे रन ही करने है| सिर्फ पैरों को हल्का सा अभ्यास देते रहना है| इसी दौरान मेरी साईकिल पर कोंकण जाने की योजना है| साईकिल रनिंग के मुकाबले बहुत हल्का व्यायाम है, इसीलिए ज्यादा सोचने की जरूरत नही समझी| सितम्बर में आठ दिन की साईकिल यात्रा कोंकण में की| वाकई यह बहुत रोमैंटिक यात्रा रही| एक तरह से एक सपना साकार हुआ| इस यात्रा से लौटते समय साईकिल वहीं पर रखनी पड़ी| बाद में उसे लेने के लिए जाना पड़ा| साईकिल यात्रा में तो नही, पर शायद उसके बाद की हुई कुछ यात्रा में कहीं इन्फेक्शन हो गया और मैरेथॉन के एक हफ्ते पहले वायरल बुखार हुआ| बाद में वीकनेस भी‌ आया| इसके चलते बड़े दु:ख के साथ महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर में बूक की हुई मैरेथॉन रद्द करनी पड़ी| पहला मौका हाथ से गया| लेकीन इसका बहुत ज्यादा बुरा भी नही लगा| पहली बात मेरे विचार में ईवेंटस सिर्फ रिजल्ट डे होते हैं, परिणाम के दिन होते हैं| और परिणाम के दिनों से प्रक्रिया के दिन बड़े होते हैं| मैरेथॉन पूरी करने के स्तर तक मेरा स्टैमिना बढ़ गया था| अगर यह मैरेथॉन बूक नही करता तो वह नही हो पाता| भला मैच चूक गई, लेकीन मै मैच फिटनेस के करीब तो पहुँचा था| खैर|