tag:blogger.com,1999:blog-3078689038749498480.post1484609616368062218..comments2024-03-01T16:40:43.136+05:30Comments on Reflection of thoughts . . .: प्रकृति, पर्यावरण और हम २: प्राकृतिक असन्तुलन में इन्सान की भुमिकाNiranjan Welankarhttp://www.blogger.com/profile/04963051885950200950noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3078689038749498480.post-41471972842666587392016-05-21T08:41:31.702+05:302016-05-21T08:41:31.702+05:30बहुत बहुत धन्यवाद मॅडम! आपको मेल कर रहा हूँ|बहुत बहुत धन्यवाद मॅडम! आपको मेल कर रहा हूँ|Niranjan Welankarhttps://www.blogger.com/profile/04963051885950200950noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3078689038749498480.post-43697432823047373442016-05-20T14:11:39.651+05:302016-05-20T14:11:39.651+05:30निरंजन जी,
नमस्कार !
आपका ब्लॉग (http://niranjan-v...निरंजन जी,<br />नमस्कार !<br />आपका ब्लॉग (http://niranjan-vichar.blogspot.in/) देखा । आपको हिंदी के एक सशक्त मंच के सृजन एवं कुशल संचालन हेतु बहुत-बहुत बधाई !!!<br />खास बात ये है की आपके हर आर्टिक्ल मे कुछ नयी और बेहद रोचक जानकारी होती है । <br />इन्टरनेट पर अभी भी कई बेहतरीन रचनाएं अंग्रेज़ी भाषा में ही हैं, जिसके कारण आम हिंदीभाषी लोग इन महत्वपूर्ण आलेखों से जुड़े संदेशों या बातों जिनसे उनके जीवन में वास्तव में बदलाव हो सकता है, से वंचित रह जाते हैं| ऐसे हिन्दीभाषी यूजर्स के लिए ही हम आपके अमूल्य सहयोग की अपेक्षा रखते हैं । इस संबंध में आपसे विस्तार से बात करने हेतु आपसे निवेदन है की आप हमसे अपना कोई कांटैक्ट नंबर शेयर करें ताकि आपके रचना प्रकाशन से संबन्धित कुछ अन्य लाभ या जानकारी भी हम आपसे साझा कर सकें । <br />उम्मीद है हमारी इस छोटी सी कोशिश में आप हमारा साथ अवश्य देंगे । <br />आपके उत्तर की प्रतीक्षा है ...<br /><br />धन्यवाद,<br />संजना पाण्डेय<br />शब्दनगरी संगठन<br />फोन : 0512-6795382<br />ईमेल-info@shabdanagari.in<br /><br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3078689038749498480.post-37168601715987836992016-05-13T15:51:44.901+05:302016-05-13T15:51:44.901+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (14...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (14-05-2016) को <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "कुछ जगबीती, कुछ आप बीती" (चर्चा अंक-2342) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3078689038749498480.post-58457689205276432262016-05-13T09:56:52.258+05:302016-05-13T09:56:52.258+05:30धन्यवाद राजा कुमारेन्द्र जी!धन्यवाद राजा कुमारेन्द्र जी!Niranjan Welankarhttps://www.blogger.com/profile/04963051885950200950noreply@blogger.com