Monday, August 27, 2018

पिथौरागढ़ में भ्रमण भाग ५: काण्डा गाँव का रोमांचक ट्रेक

५: काण्डा गाँव का रोमांचक ट्रेक

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३० नवम्बर २०१७ की दोपहर| सद्गड- पिथौरागड़ जा कर अब काण्डा गाँव जाना है| काण्डा गाँव सड़क से जुड़ा हुआ नही है, इसलिए यहाँ एक छोटा ट्रेक करना है| साथ के लोगों ने कहा भी, की कुछ ही समय पहले तक यहाँ बनी सड़क भी नही थी और दूर से ही पैदल चलना होता था| जैसे ही जीप से उतरे, सामने नीचे उतरती पगडण्डी दिखी और साथ में घोडे भी दिखे! इस ट्रेक के बारे में रिश्तेदारों ने बताया भी था| और शुरू हो गया एक सुन्दर ट्रेक! सड़क से पगडण्डी सीधा जंगल में जाने लगी और नीचे भी उतरने लगी| एक घना जंगल सामने आया और पगडण्डी धीरे धीरे और सिकुड़ती गई|








Monday, August 13, 2018

पिथौरागढ़ में भ्रमण भाग ४: काण्डा गाँव के लिए प्रस्थान

४: काण्डा गाँव के लिए प्रस्थान
 

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३० नवम्बर २०१७| आज सद्गड से निकलना है| गाँव में से दिखता हुआ कल का ध्वज मंदीर! वह इस परिसर का सबसे ऊँचा स्थान है| और वहाँ नेपाल का नेटवर्क मोबाईल ने पकड़ा था! आज थोड़ी गाँव की सैर की जाए| सुबह जल्द उठ कर निकला| पगडंडी के साथ साथ चल कर नीचे उतरा और सड़क पर पहुँचा! यह एक हिमालयीन गाँव! सड़क से सट कर होने के कारण दुर्गम तो नही कह सकते, लेकीन पहाड़ी गाँव! गाँव में दोपहिया वाहन एक- दो के पास ही हैं| जरूरत भी नही पड़ती है| एक तो घर तक वाहन आ भी‌ नही पाते हैं| यहाँ के लोग खेती के साथ इस भूगोल से जुड़े व्यवसाय करते हैं- जैसे मिलिटरी, बीआरओ और आयटीबीपी और उससे जुड़े कामों में बहुत लोग होते हैं; कुछ सरकार के साथ काम करते हैं; और कोई बीस किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ में नौकरी भी करते हैं| शहर की हवा यहाँ भी पहुँची है| सद्गड़ के कई बच्चे अंग्रेजी माध्यम की स्कूल में पढ़ते हैं; उन्हे स्कूल बस भी नीचे रोड़ से मिलती है|









Thursday, August 9, 2018

पिथौरागढ़ में भ्रमण भाग ३: एक सुन्दर ट्रेक: ध्वज मन्दीर

३: एक सुन्दर ट्रेक: ध्वज मन्दीर
 

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२९ नवम्बर २०१७ की‌ सर्द सुबह और हिमालय की गोद में बसा हुआ सद्गड गाँव! रात में ठण्ड बहुत ज्यादा थी| रात में एक बार उठना हुआ तो ठण्ड का एहसास हुआ| यह घर ठीक पहाड़ में और वन के करीब बसा है| यहाँ के लोग बताते हैं कि वन्य पशू रात में यहाँ से गुजरते हैं| वे खेत में नुकसान ना करे, इसके लिए खेत में इलेक्ट्रिक तार भी लगाते हैं| हिमालय के कई हिस्सों में घर के पालतू जानवर- जैसे कुत्ता, भैंस आदि को शेर द्वारा ले जाना आम बात है... सुबह भी ठण्ड बहुत ज्यादा है| हाथ धोने के लिए तक गर्म पानी का इस्तेमाल करना पड़ रहा है| इन दिनों में यहाँ नहाना कंपल्सरी भी नही होता है| यहाँ की ठण्ड में सुबह के हल्की धूप में बैठ कर चाय का स्वाद लेना अपने में एक अनुभव है!