५: काण्डा गाँव का रोमांचक ट्रेक
इस लेखमाला को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए|
३० नवम्बर २०१७ की दोपहर| सद्गड- पिथौरागड़ जा कर अब काण्डा गाँव जाना है| काण्डा गाँव सड़क से जुड़ा हुआ नही है, इसलिए यहाँ एक छोटा ट्रेक करना है| साथ के लोगों ने कहा भी, की कुछ ही समय पहले तक यहाँ बनी सड़क भी नही थी और दूर से ही पैदल चलना होता था| जैसे ही जीप से उतरे, सामने नीचे उतरती पगडण्डी दिखी और साथ में घोडे भी दिखे! इस ट्रेक के बारे में रिश्तेदारों ने बताया भी था| और शुरू हो गया एक सुन्दर ट्रेक! सड़क से पगडण्डी सीधा जंगल में जाने लगी और नीचे भी उतरने लगी| एक घना जंगल सामने आया और पगडण्डी धीरे धीरे और सिकुड़ती गई|
इस लेखमाला को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए|
३० नवम्बर २०१७ की दोपहर| सद्गड- पिथौरागड़ जा कर अब काण्डा गाँव जाना है| काण्डा गाँव सड़क से जुड़ा हुआ नही है, इसलिए यहाँ एक छोटा ट्रेक करना है| साथ के लोगों ने कहा भी, की कुछ ही समय पहले तक यहाँ बनी सड़क भी नही थी और दूर से ही पैदल चलना होता था| जैसे ही जीप से उतरे, सामने नीचे उतरती पगडण्डी दिखी और साथ में घोडे भी दिखे! इस ट्रेक के बारे में रिश्तेदारों ने बताया भी था| और शुरू हो गया एक सुन्दर ट्रेक! सड़क से पगडण्डी सीधा जंगल में जाने लगी और नीचे भी उतरने लगी| एक घना जंगल सामने आया और पगडण्डी धीरे धीरे और सिकुड़ती गई|