Monday, March 28, 2016

दोस्ती साईकिल से २४: अप्रैल की गरमी में १४८ किलोमीटर


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस
दोस्ती साईकिल से: २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द
दोस्ती साईकिल से: २२: सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!
दोस्ती साईकिल से: २३: नई हैं मन्जिलें. . नए है रास्ते नया नया सफर है तेरे वास्ते. . . 


अप्रैल की गरमी में १४८ किलोमीटर

मार्च में अच्छी साईकिलिंग हुई| अब लदाख़ यात्रा का ट्रेन का बूकिंग भी कर लिया है| अभी भी दो महिने है तैयारी के लिए| राईडस जारी रही| एक बड़ी राईड के उद्देश्य से ११ एप्रिल २०१५ को सुबह निकला| आज २०० किलोमीटर करने का लक्ष्य है| परभणी से जिंतूर- जालना- औरंगाबाद ऐसे जाऊँगा|साईकिल चलाते समय भी एक ही ख्याल मन में है- तैयारी कैसे आगे बढ़ायी जाए? लदाख़ यात्रा की तैयारी के कई पहलू है| पहली बात साईकिलिंग का अभ्यास और फिटनेस- स्टैमिना| उसके लिए भी कई बाते हैं जैसे साईकिलिंग के साथ जंपिंग, पूरक योगा, प्राणा
याम और स्ट्रेचिंग| मै साईकिलिंग और योगा तो रेग्युलर कर रहा हूँ, लेकिन स्ट्रेचिंग और वार्म अप जैसे एक्सरसाईज अभी किए नही हैं| और कुछ चीजें अनुभव से पता चली वो करता हूँ- जैसे शाम को राईड होने के बाद पैर दीवार पर रख कर लेटना, पैरों को साईकिलिंग के विपरित मूवमेंट होने के लिए पादसंचालनासन जैसे कुछ योगासन और मुख्य रूप से प्राणायाम अर्थात् साँस का अभ्यास| लेकिन इस दिशा में अभी बहुत कुछ किया जा सकता है| दूसरी बात साईकिल का रिपेअरिंग सीखना| वहाँ भी अभी बहुत कुछ करना है| हालाकि मन में जो बात सबसे कठिन लगती थी, वह चढ़ाई पर साईकिलिंग है और उसमें मै एक स्तर तक पहूँच गया हूँ| खैर|





Thursday, March 24, 2016

दोस्ती साईकिल से २३: नई हैं मन्जिलें नए हैं रास्ते. . नया नया सफर है तेरे वास्ते. .


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस
दोस्ती साईकिल से: २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द
दोस्ती साईकिल से: २२: सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!


नई हैं मन्जिलें नए हैं रास्ते. . नया नया सफर है तेरे वास्ते. .

१६ मार्च २०१५ को सिंहगढ़ सवा घण्टे में करने के बाद हौसला बहुत बढ़ा| साईकिल पर लदाख़ यात्रा सम्भव लगने लगी| विश्वास आ गया| अब इस दिशा में आगे बढ़ना है| मेरे साईकिल गुरू नीरज जाट उसके लिए मार्गदर्शन दे रहे हैं| वे बता रहे हैं कि अब साईकिल का स्टैमिना बढ़ाने के साथ साथ साईकिल का रिपेअरिंग भी सीखना चाहिए| पंक्चर, गेअर सेटिंग, ब्रेक सेटिंग आदि आना चाहिए| यह भी तैयारी का उतना ही महत्त्वपूर्ण पहलू है|

अगले दिनों में साईकिलिंग चालू रहा| परभणी के आसपास की सड़कों पर कई अर्धशतक हो गए| परभणी के एक साईकिल मैकेनिक से सहायता ले कर रिपेअरिंग भी सीखना चालू किया| साईकिल के दोनो टायर्स कैसे अलग करते हैं, यह समझ लिया| दोनो टायर्स और सीट अलग करने पर साईकिल बिल्कुल अलग दिखाई देती है| इससे बस पर उसे ले जाने में भी सहायता होगी| अब साईकिल का मड गार्ड हटा दिया है| ट्रक पर जैसे लाल इंडीकेटर लगा होता हैं, वैसा ही इंडिकेटर साईकिल पर भी लगाया है जिससे रात में भी‌ साईकिल दूर से दिख जाए| हालाकि अब रिपेअरिंग भी पूरी सीखनी है|





Saturday, March 19, 2016

दोस्ती साईकिल से २२: सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस
दोस्ती साईकिल से: २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द


सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!

चढाई पर साईकिल चलाने का विश्वास बढ़ा है| अब बड़ी परीक्षा देनी है- सिंहगढ़! लेकिन तुरन्त सिंहगढ़ पर साईकिल चलाने की हिम्मत नही हुई| उसके पहले और थोड़ा अभ्यास करना चाहता हूँ| और राईडस जारी रही| राष्ट्रीय महामार्ग ४ पर कुछ राईडस की| टनेल के भीतर साईकिल चलाने का आनन्द लिया| टनेल के भीतर की लाईटस बन्द होने के कारण लगभग पूरे अन्धेरे में चलायी! फिर जैसे जैसे टनेल समाप्त होता है, धीरे धीरे रोशनी आ जाती है! सिंहगढ़ के बेस की राईड की| इस राईड के दौरान लगा कि साईकिल की गति अब भी कम है| राईडस का क्रम निरंतर जारी रखना चाहिए|






Thursday, March 17, 2016

दोस्ती साईकिल से २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस


चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द

एक छोटी सी लगभग सवा किलोमीटर की चढाई-

१. साईकिल पर जाना नामुमकिन जैसा है| मुश्किल से एक चौथाई दूरी साईकिल पर चलायी और अब पैदल जाने की नौबत आयी. . .
२. साईकिल पर जा पा रहा हूँ, लेकिन तीन बड़े विश्राम के लिए रूकना पड़ रहा है. . .
३. बिना रूके पूरी चढाई पार करता तो हूँ, लेकिन बड़ा थक जाता हूँ. . .
४. लगातार चार बार यही चढाई अब सहजता से पार कर सकता हूँ. . .
५. अब यही चढाई सबसे लोअर (१-१) गेअर के बजाय २-१ गेअर पर भी लगातार कई बार पार कर सकता हूँ. . .
६. अब यह चढाई चढते समय २-१ गेअर में मुंह बन्द रख कर सामान्य श्वसन में भी‌ साईकिल चला सकता हूँ. . .

. . .२०१५ वर्ष की शुरुआत छोटी राईडस के साथ हुई| साईकिल चलाना जारी रहा| देखा जाए तो छोटी राईडस में मज़ा तो आता हैं, लेकिन हमारा मन सन्तुष्ट नही होता है| मन को चाहिए कुछ बड़ा- भव्य! रह रह कर २०१५ में लदाख़ में साईकिल चलाने की इच्छा हो रही है| बार बार वही सपना देख रहा हूँ| इस सपने ने इतना बुरी तरह पकड़ लिया जिससे धीरे धीरे उस दिशा में कदम उठने लगे| लदाख़ में साईकिल चलानी हो तो सबसे पहली बात चढाई पर साईकिल चलाना आना चाहिए| बिल्कुल प्राथमिक पात्रता| इसलिए अब चढाई पर साईकिल चलाने का अभ्यास करना चाहता हूँ और वैसा मौका भी आया|





Tuesday, March 15, 2016

दोस्ती साईकिल से २०: इंज्युरी के बाद की राईडस

दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!



इंज्युरी के बाद की राईडस

सितम्बर २०१४ में काफी साईकिल चलाने के बाद कुछ दिन गैप आयी| जब भी‌ ऐसा होता है, तो फिर से नयी शुरुआत करनी होती है| धीमे धीमे लय प्राप्त करनी होती है| अक्तूबर में फिर राईडस शुरू की| छोटी राईडस का मज़ा लिया| परभणी के पास की सड़कों पर साईकिल चलाने का मज़ा लिया| अब फिर थोड़ी दूर की राईड करने के लिए निकला| अब ये रास्ते बिल्कुल पक्के पता हो गए हैं| कौनसी सड़क पर कितनी दूर गड़्ढा है, कहाँ हल्की चढाई है, यह सब पक्का याद हुआ है| परभणी से तीस किलोमीटर तक की राईडस तो लोकल राईड हो गई हैं| यह फर्क होता है विश्वास का|

३० अक्तूबर की सुबह निकला| कुछ दिनों तक गैप होने के बावजूद अच्छी गति मिली| इस राईड में कुल ६० किलोमीटर करने का लक्ष्य है| परभणी से मानवत रोड़ नाम के गाँव तक जा रहा हूँ| वहाँ एक स्थान पर मेरे पसंदीदा पोहे मिलते हैं| पहले एक घण्टे में करीब बीस किलोमीटर दूरी पार कर ली| अधिक रूका भी नही| अगले घण्टे बाद दाए पैर के घुटने में थोड़ा दर्द होने लगा| पैर सीधा किया; पैर को थोड़ा विश्राम दिया, फिर भी कुछ फर्क नही हुआ| पोहे खाने के लिए रूका तब पैर को थोड़ा आराम मिल गया| लेकिन जैसे ही वापसी की यात्रा शुरू की, फिर दर्द शुरू हुआ और धीरे धीरे बढ़ने लगा| पैर को अलग अलग कोण से पेडल पर रख कर चलाने की कोशिश की| लेकिन दर्द बढ़ता ही जा रहा है| हालाकि साईकिल चला पा रहा हूँ| परभणी पास आता गया| इसलिए लिफ्ट लेने का विचार नही किया| बाद में साईकिल से उतरने में और फिर बैठने में भी तकलीफ होने लगी| परभणी में पहुँचते पहुँचते ऐसी स्थिति आयी कि आखरी दो किलोमीटर- बस स्टैंड से घर तक- आटो से जाना पड़ा| बड़ी कठिन स्थिति बनी| दाए घुटने को हिला भी नही पा रहा हूँ| बेतहाशा दर्द हो रहा है| अब क्या करें?






Saturday, March 12, 2016

दोस्ती साईकिल से १९: हौसला बढानेवाली राईडस

दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!


हौसला बढानेवाली राईडस

तोरणमाळ ट्रेक करने के बाद हौसला बहुत बढ़ गया| इसके बाद लगातार राईडस शुरू हुई| सितम्बर २०१४ में कई यादगार राईडस हुई| कुछ अर्धशतक और कुछ छोटी राईडस लगातार जारी रही| अब ऐसी छोटी रेग्युलर राईडस का महत्त्व पता चला है| जितनी नियमित राईडस करते हैं, उतना शरीर अभ्यस्त होता जाता है| विशेष रूप से एक छोटी राईड ऐसी हुई जब तेज़ बरसात में साईकिल चलायी| राईड छोटी ही है, मुश्किल से चालिस किलोमीटर होगी| वापस आते समय आखरी बारह किलोमीटर में बहुत तेज बरसात आयी| एकदम विजिबिलिटी कम हो गई और सड़क पर धुन्द फैल गई| इस वजह से शाम होते होते अचानक जैसे रात हो गई| हायवे पर रात में साईकिल चलाना बहुत कठिन होता है| लेकिन साईकिल चलाता गया और थोड़ी ही देर बाद शहर पहूँचा| उस समय का मजा और ही है! अन्धेरी सड़क, झमाझम बरसात और साईकिल!







Wednesday, March 9, 2016

दोस्ती साईकिल से १८: तोरणमाळ हिलस्टेशन पर साईकिल ट्रेक!


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार


तोरणमाळ हिलस्टेशन पर साईकिल ट्रेक!


सातपुडा के पास साईकिल चलाने की बहुत इच्छा है| जल्द ही तोरणमाळ ट्रेक करना है| इसे ले कर बहुत उत्सुकता मन में होगा| यह मेरा आज तक का सबसे बड़ा माउंटेन ट्रेक होगा| पहले दो बार सिंहगढ़ किया है, पर यह उससे भी बड़ा होगा| ५० किलोमीटर तक चढाई और ७-८ किलोमीटर का बड़ा घाट| मज़ा आएगा और एक तरह से मै कहाँ खड़ा हूँ, यह भी पता चलेगा| तोरणमाळ जाने के पहले नंदुरबार के पास और एक छोटी राईड की| यहाँ से गुजरात बार्डर पास ही है, इसलिए गुजरात जा के आया साईकिल पर! जहाँ मै ठहरा हूँ, वहाँ से तोरणमाळ हिल स्टेशन करीब ७६ किलोमीटर दूरी पर है| इसलिए सीधा नही जाऊँगा| पहले इस हिल स्टेशन के बेस तक पहुँचूँगा, वहाँ एक हाल्ट करूँगा और अगले दिन तोरणमाळ जाऊँगा| यह निर्णय बाद में बड़ा सही साबित हुआ|

२४ अगस्त को प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद साईकिल ले कर निकला| यहाँ से तीस किलोमीटर दूर शहादा नाम की जगह है जहाँ मै लॉज पर रूकूँगा| यह राईड अच्छी रही| मात्र डेढ घण्टे में शहादा पहुँच गया| रास्ते में तापी नदी क्रास की| पहली बार किसी राईड के लिए होटल में हाल्ट करूँगा| लैपटॉप और सारा सामान भी साईकिल पर साथ ले गया| शाम होते होते लॉज मिल गया| अब अच्छे से विश्राम करना है ताकि सुबह जब निकलूँ, तब शरीर बिल्कुल ताज़ा हो| लेकिन अच्छा विश्राम कर पाना भी एक कुशलता है और यह इतनी सरल नही होती है| इसलिए देर रात तक अच्छी नीन्द नही लगी| उपर से नई जगह- नया गाँव| और सुबह जल्द उठने का तनाव| इसलिए नीन्द बेहद कम हुई| सुबह ५ बजे उठा| एक दुविधा यह है कि क्या सामान यहीं छोड जाऊँ या साथ ले जाऊँ? सामान छोडने में दिक्कत यह है कि लॉज पर इतना सेफ नही रहेगा| और अगर ले जाता हूँ तो घाट चढते समय दिक्कतें बढेगी| क्यों कि लैपटाप और सब सामान का वजन तो सात- आठ किलो होगाही| बड़ी दुविधा रही| लेकिन बाद में सुरक्षित विकल्प चुना और सामान साथ ही लिया और साढ़ेपाँच बजे बाहर निकला| यह भी निर्णय बाद में सही साबित हुआ| सुबह के साढ़ेपाँच और एक अन्जान राह पर राईड का आग़ाज़!








Thursday, March 3, 2016

दोस्ती साईकिल से १७: एक ड्रिम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार

दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम


एक ड्रिम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार

जब जून- जुलाई २०१४ में महाराष्ट्र के नन्दुरबार में फिल्ड एसाईनमेंट कर रहा था, तब कई बार आसपास के पहाड़ में साईकिल चलाने का सपना देखता था| सातपुड़ा पर्वत शृंखला वहाँ से दूर न थी! काफी डे ड्रिमिंग करता रहा| आखिर वैसा मौका आया| फिल्ड एसाईनमेंट के आखरी चरण में जाने के लिए परभणी से निकला तब साईकिल भी साथ थी| १७ अगस्त को अच्छा शतक होने से हौसला बढ़ा है| २० अगस्त की दोपहर को परभणी से निकला| यहाँ से सिधी बस नंदुरबार नही जाती है| नंदुरबार के पास साक्री नाम के गाँव तक जाती है| वहाँ तक साईकिल बस पर लाद कर ले जाऊँगा और वहाँ से साईकिलिंग शुरू करूँगा| पहली बार बस से इतनी दूर राईड के लिए साईकिल ले जा रहा हूँ!

रास्ते में जहाँ कभी देखने का मौका मिले, साईकिल की स्थिति देखने की कोशिश कर रहा हूँ| छाँव से पता चले की साईकिल सकुशल उपर बँधी है या किसी शोरूम की ग्लास से दिखे की साईकिल ठीक है, तब थोड़ा सुकून मिलता है| सरकारी बस के झटके साईकिल कैसे झेल रही होगी, यह प्रश्न जरूर मन में है! लेकिन यात्रा ठीक रही| अपेक्षाकृत सुबह चार बजे साक्री गाँव के बस अड्डे पर पहूँचा| अब पहला सवाल साईकिल नीचे उतारने का है| घोर रात होने के कारण बस बस अड्डे के बाहर ही रूकी है| साईकिल नीचे उतारने के लिए कोई भी नही है! मैने उपर जा कर उतारने का सोचा| लेकिन कोई आयडीया नही था| फिर कंडक्टर ने ही थोड़ी सहायता की| उसने उपर जा कर साईकिल नीचे मेरे हाथ में दी| जैसे तैसे साईकिल नीचे आ गई| वहाँ कुछ सैलानी बैठे हैं| उनकी सहायता माँगी, पर वे भौचक्के देखते रहें| खैर|