Showing posts with label Cycle ride. Show all posts
Showing posts with label Cycle ride. Show all posts

Wednesday, April 20, 2016

दोस्ती साईकिल से २७: २०१५ की लदाख़ साईकिल यात्रा पर दृष्टिक्षेप. . .


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस
दोस्ती साईकिल से: २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द
दोस्ती साईकिल से: २२: सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!
दोस्ती साईकिल से: २३: नई हैं मन्जिलें. . नए है रास्ते नया नया सफर है तेरे वास्ते. . .
दोस्ती साईकिल से: २४: अप्रैल की गरमी में १४८ किलोमीटर
दोस्ती साईकिल से: २५: आँठवा शतक
दोस्ती साईकिल से: २६: २०१५ की लदाख़ साईकिल यात्रा की तैयारी


२०१५ की लदाख़ साईकिल यात्रा पर दृष्टिक्षेप. . .

लदाख़ की साईकिल यात्रा! एक सपना सच होने जा रहा था| २६ मई को महाराष्ट्र से निकला था| मनाली- लेह रोड़ खुलने में काफी देर होने के कारण करगिल से जाना पड़ा| करगिल में साईकिलिंग शुरू करते समय मन में आशंकाओं का तुफान जैसे था| शंकाओं से मन लगभग तितर- बितर हुआ था| लेकिन साईकिल उठायी और चल पड़ा| साथ देने के लिए तो स्वर्णिम नजारे थे ही|

धीरे धीरे आगे बढ़ता गया| बाद में अच्छी साईकिल चलायी और लेह भी पहुँच गया| लेकिन उसके बाद आगे नही जा सका| रास्ते खुले नही थे और मौसम भी अनुकूल नही था| माईनस में तपमान लदाख़ की गर्मियों के लिहाज़ से अप्रत्याशित था| और तीन दिन साईकिल चलाने के बाद जैसे मानसिक थकान हो गई| इसलिए और आगे नही जा पाया| लेकिन फिर भी, अगर जाने के पहले मुझे किसी ज्योतिषी ने बताया होता की, तुम लदाख़ में चार अर्धशतक करोगे और तीसरे ही दिन करगिल से लेह पहुँच जाओगे, तो मै उसे लाटरी जैसा ही मानता| आईए, एक नज़र डालते हैं उन चार अर्धशतकों पर|







Friday, April 8, 2016

दोस्ती साईकिल से २६: २०१५ की लदाख़ साईकिल यात्रा की तैयारी


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस
दोस्ती साईकिल से: २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द
दोस्ती साईकिल से: २२: सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!
दोस्ती साईकिल से: २३: नई हैं मन्जिलें. . नए है रास्ते नया नया सफर है तेरे वास्ते. . .
दोस्ती साईकिल से: २४: अप्रैल की गरमी में १४८ किलोमीटर
दोस्ती साईकिल से: २५: आँठवा शतक


२०१५ की लदाख़ साईकिल यात्रा की तैयारी

१९ अप्रैल को शतक करने के बाद अगले दिन नान्देड शहर के एक साईकिलिस्ट के पास गया| वे रेस की साईकिल दौडाते हैं| उन्होने साईकिल रिपेअरिंग पर बहुत जानकारी दी, फिटनेस और आहार के बारे में भी बताया| उनके पास जाने के लिए भी कुछ दूरी साईकिल पर गया| साईकिल बस पर रखने का भी अभ्यास किया! साईकिल का रिपेअरिंग सीखना वैसे तो बहुत बड़ी बात है| अभी मै पंक्चर भी ठीक नही निकाल पा रहा हूँ| हर रोज साईकिल की ट्युब निकाल कर पंक्चर चेक करने का अभ्यास शुरू किया है| धीरे धीरे प्रगति हो रही है| एलेन की खरीदी जो साईकिल के लगभग हर हिस्से को खोल सकती हैं! अब साईकिल पूरी डिसमेंटल कर सकता हूँ| हालाकि कभी कभी उसे फिर से बन्द करने में कठिनाई होती है! बाद में पता चला कि फोर्क को खोलना नही चाहिए| वैसे सिर्फ टायर्स और सीट अलग करने के बाद भी साईकिल बिल्कुल अलग दिखती है| खैर|

छोटी राईडस जारी रही| लदाख़ के लिए निकलने के लिए सिर्फ एक महिना बचा है| मन में बहुत उत्सुकता और थोड़ा तनाव भी है| यहाँ कितनी भी तैयारी कर लूँ, लेकिन क्या २५००- ३०००- ५००० मीटर से अधिक ऊँचाई पर मै साईकिल चला पाऊँगा? और लदाख़ के पहले एक ५-६ दिन लगातार साईकिल चलाने की राईड भी नही कर पा रहा हूँ| इसलिए तनाव बहुत अधिक है| लेकिन उतना मज़ा भी आ रहा है| साईकिल चलाना और उसके तकनिकी पहलू सीखना जारी रहा| धीरे धीरे पंक्चर भी आ रहा है|






Monday, April 4, 2016

दोस्ती साईकिल से २५: आँठवा शतक


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस
दोस्ती साईकिल से: २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द
दोस्ती साईकिल से: २२: सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!
दोस्ती साईकिल से: २३: नई हैं मन्जिलें. . नए है रास्ते नया नया सफर है तेरे वास्ते. . .
दोस्ती साईकिल से: २४: अप्रैल की गरमी में १४८ किलोमीटर



आँठवा शतक

११ अप्रैल २०१५ को १४८ किलोमीटर साईकिल चलायी और उसके बाद लिफ्ट ले कर औरंगाबाद पहुँच गया| वैसे यहाँ से और आगे साईकिल पर जाने का विचार था| पर कल की थकान के बाद वह छोडना पड़ा| अगले दिन जल्दी उठ कर औरंगाबाद के पास के हिल्स पर जाने की इच्छा थी| पर सुबह जल्दी न उठने के कारण वह नही हो पाया| बड़े लक्ष्य का पीछा करते समय ऐसी छोटी छोटी गलतियाँ भी महंगी होती है| सातत्य का अपना महत्त्व होता है| अगर 'यहाँ' आलस करूँगा, तो 'वहाँ' कीमत चुकानी होगी. . . खैर| औरंगाबाद में एक साईकिल मॉल में गया| यहाँ काफी एक्सेसरीज थी| लेकिन उतनी ही महंगी| साईकिलिंग के सम्बन्ध में आजकल कुछ लोग बहुत पैसे खर्च भी करते हैं| पचास हजार की साईकिल और तीन- चार हजार की एक्सेसरीज आम बात है. .





Monday, March 28, 2016

दोस्ती साईकिल से २४: अप्रैल की गरमी में १४८ किलोमीटर


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस
दोस्ती साईकिल से: २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द
दोस्ती साईकिल से: २२: सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!
दोस्ती साईकिल से: २३: नई हैं मन्जिलें. . नए है रास्ते नया नया सफर है तेरे वास्ते. . . 


अप्रैल की गरमी में १४८ किलोमीटर

मार्च में अच्छी साईकिलिंग हुई| अब लदाख़ यात्रा का ट्रेन का बूकिंग भी कर लिया है| अभी भी दो महिने है तैयारी के लिए| राईडस जारी रही| एक बड़ी राईड के उद्देश्य से ११ एप्रिल २०१५ को सुबह निकला| आज २०० किलोमीटर करने का लक्ष्य है| परभणी से जिंतूर- जालना- औरंगाबाद ऐसे जाऊँगा|साईकिल चलाते समय भी एक ही ख्याल मन में है- तैयारी कैसे आगे बढ़ायी जाए? लदाख़ यात्रा की तैयारी के कई पहलू है| पहली बात साईकिलिंग का अभ्यास और फिटनेस- स्टैमिना| उसके लिए भी कई बाते हैं जैसे साईकिलिंग के साथ जंपिंग, पूरक योगा, प्राणा
याम और स्ट्रेचिंग| मै साईकिलिंग और योगा तो रेग्युलर कर रहा हूँ, लेकिन स्ट्रेचिंग और वार्म अप जैसे एक्सरसाईज अभी किए नही हैं| और कुछ चीजें अनुभव से पता चली वो करता हूँ- जैसे शाम को राईड होने के बाद पैर दीवार पर रख कर लेटना, पैरों को साईकिलिंग के विपरित मूवमेंट होने के लिए पादसंचालनासन जैसे कुछ योगासन और मुख्य रूप से प्राणायाम अर्थात् साँस का अभ्यास| लेकिन इस दिशा में अभी बहुत कुछ किया जा सकता है| दूसरी बात साईकिल का रिपेअरिंग सीखना| वहाँ भी अभी बहुत कुछ करना है| हालाकि मन में जो बात सबसे कठिन लगती थी, वह चढ़ाई पर साईकिलिंग है और उसमें मै एक स्तर तक पहूँच गया हूँ| खैर|





Thursday, March 24, 2016

दोस्ती साईकिल से २३: नई हैं मन्जिलें नए हैं रास्ते. . नया नया सफर है तेरे वास्ते. .


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस
दोस्ती साईकिल से: २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द
दोस्ती साईकिल से: २२: सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!


नई हैं मन्जिलें नए हैं रास्ते. . नया नया सफर है तेरे वास्ते. .

१६ मार्च २०१५ को सिंहगढ़ सवा घण्टे में करने के बाद हौसला बहुत बढ़ा| साईकिल पर लदाख़ यात्रा सम्भव लगने लगी| विश्वास आ गया| अब इस दिशा में आगे बढ़ना है| मेरे साईकिल गुरू नीरज जाट उसके लिए मार्गदर्शन दे रहे हैं| वे बता रहे हैं कि अब साईकिल का स्टैमिना बढ़ाने के साथ साथ साईकिल का रिपेअरिंग भी सीखना चाहिए| पंक्चर, गेअर सेटिंग, ब्रेक सेटिंग आदि आना चाहिए| यह भी तैयारी का उतना ही महत्त्वपूर्ण पहलू है|

अगले दिनों में साईकिलिंग चालू रहा| परभणी के आसपास की सड़कों पर कई अर्धशतक हो गए| परभणी के एक साईकिल मैकेनिक से सहायता ले कर रिपेअरिंग भी सीखना चालू किया| साईकिल के दोनो टायर्स कैसे अलग करते हैं, यह समझ लिया| दोनो टायर्स और सीट अलग करने पर साईकिल बिल्कुल अलग दिखाई देती है| इससे बस पर उसे ले जाने में भी सहायता होगी| अब साईकिल का मड गार्ड हटा दिया है| ट्रक पर जैसे लाल इंडीकेटर लगा होता हैं, वैसा ही इंडिकेटर साईकिल पर भी लगाया है जिससे रात में भी‌ साईकिल दूर से दिख जाए| हालाकि अब रिपेअरिंग भी पूरी सीखनी है|





Saturday, March 19, 2016

दोस्ती साईकिल से २२: सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस
दोस्ती साईकिल से: २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द


सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!

चढाई पर साईकिल चलाने का विश्वास बढ़ा है| अब बड़ी परीक्षा देनी है- सिंहगढ़! लेकिन तुरन्त सिंहगढ़ पर साईकिल चलाने की हिम्मत नही हुई| उसके पहले और थोड़ा अभ्यास करना चाहता हूँ| और राईडस जारी रही| राष्ट्रीय महामार्ग ४ पर कुछ राईडस की| टनेल के भीतर साईकिल चलाने का आनन्द लिया| टनेल के भीतर की लाईटस बन्द होने के कारण लगभग पूरे अन्धेरे में चलायी! फिर जैसे जैसे टनेल समाप्त होता है, धीरे धीरे रोशनी आ जाती है! सिंहगढ़ के बेस की राईड की| इस राईड के दौरान लगा कि साईकिल की गति अब भी कम है| राईडस का क्रम निरंतर जारी रखना चाहिए|






Thursday, March 17, 2016

दोस्ती साईकिल से २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस


चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द

एक छोटी सी लगभग सवा किलोमीटर की चढाई-

१. साईकिल पर जाना नामुमकिन जैसा है| मुश्किल से एक चौथाई दूरी साईकिल पर चलायी और अब पैदल जाने की नौबत आयी. . .
२. साईकिल पर जा पा रहा हूँ, लेकिन तीन बड़े विश्राम के लिए रूकना पड़ रहा है. . .
३. बिना रूके पूरी चढाई पार करता तो हूँ, लेकिन बड़ा थक जाता हूँ. . .
४. लगातार चार बार यही चढाई अब सहजता से पार कर सकता हूँ. . .
५. अब यही चढाई सबसे लोअर (१-१) गेअर के बजाय २-१ गेअर पर भी लगातार कई बार पार कर सकता हूँ. . .
६. अब यह चढाई चढते समय २-१ गेअर में मुंह बन्द रख कर सामान्य श्वसन में भी‌ साईकिल चला सकता हूँ. . .

. . .२०१५ वर्ष की शुरुआत छोटी राईडस के साथ हुई| साईकिल चलाना जारी रहा| देखा जाए तो छोटी राईडस में मज़ा तो आता हैं, लेकिन हमारा मन सन्तुष्ट नही होता है| मन को चाहिए कुछ बड़ा- भव्य! रह रह कर २०१५ में लदाख़ में साईकिल चलाने की इच्छा हो रही है| बार बार वही सपना देख रहा हूँ| इस सपने ने इतना बुरी तरह पकड़ लिया जिससे धीरे धीरे उस दिशा में कदम उठने लगे| लदाख़ में साईकिल चलानी हो तो सबसे पहली बात चढाई पर साईकिल चलाना आना चाहिए| बिल्कुल प्राथमिक पात्रता| इसलिए अब चढाई पर साईकिल चलाने का अभ्यास करना चाहता हूँ और वैसा मौका भी आया|





Tuesday, March 15, 2016

दोस्ती साईकिल से २०: इंज्युरी के बाद की राईडस

दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!



इंज्युरी के बाद की राईडस

सितम्बर २०१४ में काफी साईकिल चलाने के बाद कुछ दिन गैप आयी| जब भी‌ ऐसा होता है, तो फिर से नयी शुरुआत करनी होती है| धीमे धीमे लय प्राप्त करनी होती है| अक्तूबर में फिर राईडस शुरू की| छोटी राईडस का मज़ा लिया| परभणी के पास की सड़कों पर साईकिल चलाने का मज़ा लिया| अब फिर थोड़ी दूर की राईड करने के लिए निकला| अब ये रास्ते बिल्कुल पक्के पता हो गए हैं| कौनसी सड़क पर कितनी दूर गड़्ढा है, कहाँ हल्की चढाई है, यह सब पक्का याद हुआ है| परभणी से तीस किलोमीटर तक की राईडस तो लोकल राईड हो गई हैं| यह फर्क होता है विश्वास का|

३० अक्तूबर की सुबह निकला| कुछ दिनों तक गैप होने के बावजूद अच्छी गति मिली| इस राईड में कुल ६० किलोमीटर करने का लक्ष्य है| परभणी से मानवत रोड़ नाम के गाँव तक जा रहा हूँ| वहाँ एक स्थान पर मेरे पसंदीदा पोहे मिलते हैं| पहले एक घण्टे में करीब बीस किलोमीटर दूरी पार कर ली| अधिक रूका भी नही| अगले घण्टे बाद दाए पैर के घुटने में थोड़ा दर्द होने लगा| पैर सीधा किया; पैर को थोड़ा विश्राम दिया, फिर भी कुछ फर्क नही हुआ| पोहे खाने के लिए रूका तब पैर को थोड़ा आराम मिल गया| लेकिन जैसे ही वापसी की यात्रा शुरू की, फिर दर्द शुरू हुआ और धीरे धीरे बढ़ने लगा| पैर को अलग अलग कोण से पेडल पर रख कर चलाने की कोशिश की| लेकिन दर्द बढ़ता ही जा रहा है| हालाकि साईकिल चला पा रहा हूँ| परभणी पास आता गया| इसलिए लिफ्ट लेने का विचार नही किया| बाद में साईकिल से उतरने में और फिर बैठने में भी तकलीफ होने लगी| परभणी में पहुँचते पहुँचते ऐसी स्थिति आयी कि आखरी दो किलोमीटर- बस स्टैंड से घर तक- आटो से जाना पड़ा| बड़ी कठिन स्थिति बनी| दाए घुटने को हिला भी नही पा रहा हूँ| बेतहाशा दर्द हो रहा है| अब क्या करें?






Saturday, March 12, 2016

दोस्ती साईकिल से १९: हौसला बढानेवाली राईडस

दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!


हौसला बढानेवाली राईडस

तोरणमाळ ट्रेक करने के बाद हौसला बहुत बढ़ गया| इसके बाद लगातार राईडस शुरू हुई| सितम्बर २०१४ में कई यादगार राईडस हुई| कुछ अर्धशतक और कुछ छोटी राईडस लगातार जारी रही| अब ऐसी छोटी रेग्युलर राईडस का महत्त्व पता चला है| जितनी नियमित राईडस करते हैं, उतना शरीर अभ्यस्त होता जाता है| विशेष रूप से एक छोटी राईड ऐसी हुई जब तेज़ बरसात में साईकिल चलायी| राईड छोटी ही है, मुश्किल से चालिस किलोमीटर होगी| वापस आते समय आखरी बारह किलोमीटर में बहुत तेज बरसात आयी| एकदम विजिबिलिटी कम हो गई और सड़क पर धुन्द फैल गई| इस वजह से शाम होते होते अचानक जैसे रात हो गई| हायवे पर रात में साईकिल चलाना बहुत कठिन होता है| लेकिन साईकिल चलाता गया और थोड़ी ही देर बाद शहर पहूँचा| उस समय का मजा और ही है! अन्धेरी सड़क, झमाझम बरसात और साईकिल!







Wednesday, March 9, 2016

दोस्ती साईकिल से १८: तोरणमाळ हिलस्टेशन पर साईकिल ट्रेक!


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार


तोरणमाळ हिलस्टेशन पर साईकिल ट्रेक!


सातपुडा के पास साईकिल चलाने की बहुत इच्छा है| जल्द ही तोरणमाळ ट्रेक करना है| इसे ले कर बहुत उत्सुकता मन में होगा| यह मेरा आज तक का सबसे बड़ा माउंटेन ट्रेक होगा| पहले दो बार सिंहगढ़ किया है, पर यह उससे भी बड़ा होगा| ५० किलोमीटर तक चढाई और ७-८ किलोमीटर का बड़ा घाट| मज़ा आएगा और एक तरह से मै कहाँ खड़ा हूँ, यह भी पता चलेगा| तोरणमाळ जाने के पहले नंदुरबार के पास और एक छोटी राईड की| यहाँ से गुजरात बार्डर पास ही है, इसलिए गुजरात जा के आया साईकिल पर! जहाँ मै ठहरा हूँ, वहाँ से तोरणमाळ हिल स्टेशन करीब ७६ किलोमीटर दूरी पर है| इसलिए सीधा नही जाऊँगा| पहले इस हिल स्टेशन के बेस तक पहुँचूँगा, वहाँ एक हाल्ट करूँगा और अगले दिन तोरणमाळ जाऊँगा| यह निर्णय बाद में बड़ा सही साबित हुआ|

२४ अगस्त को प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद साईकिल ले कर निकला| यहाँ से तीस किलोमीटर दूर शहादा नाम की जगह है जहाँ मै लॉज पर रूकूँगा| यह राईड अच्छी रही| मात्र डेढ घण्टे में शहादा पहुँच गया| रास्ते में तापी नदी क्रास की| पहली बार किसी राईड के लिए होटल में हाल्ट करूँगा| लैपटॉप और सारा सामान भी साईकिल पर साथ ले गया| शाम होते होते लॉज मिल गया| अब अच्छे से विश्राम करना है ताकि सुबह जब निकलूँ, तब शरीर बिल्कुल ताज़ा हो| लेकिन अच्छा विश्राम कर पाना भी एक कुशलता है और यह इतनी सरल नही होती है| इसलिए देर रात तक अच्छी नीन्द नही लगी| उपर से नई जगह- नया गाँव| और सुबह जल्द उठने का तनाव| इसलिए नीन्द बेहद कम हुई| सुबह ५ बजे उठा| एक दुविधा यह है कि क्या सामान यहीं छोड जाऊँ या साथ ले जाऊँ? सामान छोडने में दिक्कत यह है कि लॉज पर इतना सेफ नही रहेगा| और अगर ले जाता हूँ तो घाट चढते समय दिक्कतें बढेगी| क्यों कि लैपटाप और सब सामान का वजन तो सात- आठ किलो होगाही| बड़ी दुविधा रही| लेकिन बाद में सुरक्षित विकल्प चुना और सामान साथ ही लिया और साढ़ेपाँच बजे बाहर निकला| यह भी निर्णय बाद में सही साबित हुआ| सुबह के साढ़ेपाँच और एक अन्जान राह पर राईड का आग़ाज़!








Thursday, March 3, 2016

दोस्ती साईकिल से १७: एक ड्रिम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार

दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम


एक ड्रिम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार

जब जून- जुलाई २०१४ में महाराष्ट्र के नन्दुरबार में फिल्ड एसाईनमेंट कर रहा था, तब कई बार आसपास के पहाड़ में साईकिल चलाने का सपना देखता था| सातपुड़ा पर्वत शृंखला वहाँ से दूर न थी! काफी डे ड्रिमिंग करता रहा| आखिर वैसा मौका आया| फिल्ड एसाईनमेंट के आखरी चरण में जाने के लिए परभणी से निकला तब साईकिल भी साथ थी| १७ अगस्त को अच्छा शतक होने से हौसला बढ़ा है| २० अगस्त की दोपहर को परभणी से निकला| यहाँ से सिधी बस नंदुरबार नही जाती है| नंदुरबार के पास साक्री नाम के गाँव तक जाती है| वहाँ तक साईकिल बस पर लाद कर ले जाऊँगा और वहाँ से साईकिलिंग शुरू करूँगा| पहली बार बस से इतनी दूर राईड के लिए साईकिल ले जा रहा हूँ!

रास्ते में जहाँ कभी देखने का मौका मिले, साईकिल की स्थिति देखने की कोशिश कर रहा हूँ| छाँव से पता चले की साईकिल सकुशल उपर बँधी है या किसी शोरूम की ग्लास से दिखे की साईकिल ठीक है, तब थोड़ा सुकून मिलता है| सरकारी बस के झटके साईकिल कैसे झेल रही होगी, यह प्रश्न जरूर मन में है! लेकिन यात्रा ठीक रही| अपेक्षाकृत सुबह चार बजे साक्री गाँव के बस अड्डे पर पहूँचा| अब पहला सवाल साईकिल नीचे उतारने का है| घोर रात होने के कारण बस बस अड्डे के बाहर ही रूकी है| साईकिल नीचे उतारने के लिए कोई भी नही है! मैने उपर जा कर उतारने का सोचा| लेकिन कोई आयडीया नही था| फिर कंडक्टर ने ही थोड़ी सहायता की| उसने उपर जा कर साईकिल नीचे मेरे हाथ में दी| जैसे तैसे साईकिल नीचे आ गई| वहाँ कुछ सैलानी बैठे हैं| उनकी सहायता माँगी, पर वे भौचक्के देखते रहें| खैर|









Monday, February 29, 2016

दोस्ती साईकिल से १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५ दोस्ती साईकिल से १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक

पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम

१२ अगस्त २०१४ को नई साईकिल से पहला शतक करने के बाद साईकिलिंग जारी रही| छोटी छोटी राईडस लगातार करता रहा| जल्द ही अगले शतक के लिए साईकिल उठायी| इस बार करीब ६० किलोमीटर दूर स्थित लोअर दुधना डैम देखने जाऊँगा| कुल मिला कर १२० किलोमीटर होंगे| लगातार कई दिन साईकिल चलाने के कारण अब शरीर काफी हद तक अभ्यस्त भी हो गया है|

१७ अगस्त की भोर में निकला| अब पंक्चर किट साथ में ले कर जा तो रहा हूँ, लेकिन उसका प्रयोग करना ही नही जानता! सुबह की ठण्ड में मेरे साथ और भी कुछ साईकिलबाज हैं जो कुछ देर तक साथ रहेंगे| चलने के कुछ देर बाद लगा की साईकिल की सीट और उपर करनी चाहिए जिससे पेडल पर अधिक बल आएगा| सीट अधिकतम ऊँची कर ली| शुरू में बैठने में और साईकिल चलाने में दिक्कत हुई| लेकिन जल्द ही जैसे पैर लय में आ गए, पहले से अधिक बल मिलने लगा| अधिक ऊँचाई से पैर नीचे आने के दो लाभ अब मिलेंगे- एक तो पेडल पर फोर्स अधिक होगा और दूसरा पैर पूरा नीचे आएगा और इसलिए घूटने में दर्द भी नही होगा| हालाकि अब इतनी साईकिलिंग करने के बाद कुछ गुर्र तो सीख गया हूँ| साईकिल चलाते चलाते बीच बीच में बारी बारी से एक एक हाथ और पैर को थोड़ा विश्राम भी देता हूँ| उतराई हो तब बारी बारी से पैर नीचे सीधा कर के रखता हूँ| बारीश तो नही है, लेकिन बारीश जैसा खुशनुमा मौसम जरूर है|





Friday, February 26, 2016

दोस्ती साईकिल से १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत


औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक

अगस्त २०१४ के पहले हप्ते में नई साईकिल की अच्छी राईडस शुरू की| पहले एक ३८ किलोमीटर की राईड थोड़े कम स्तर के रोड पर की| वहाँ पहले घण्टे में सोलह किलोमीटर चला पाया और उसके बाद रफ्तार एकदम धिमी हो गई| जरूर अभी तक इस साईकिल से शरीर अभ्यस्त नही हुआ है| अगली राईड फिर झिरो फाटा की तरफ की| इस बार तो पहले से अधिक समय लगा| पहले घण्टे की रफ्तार और दूसरे घण्टे की रफ्तार के बीच बड़ा अन्तर रहा|

अब एक बड़ी राईड करने का मन है| इस साईकिल में बड़ी राईड सहज तो नही होगी|‌ इसलिए मात्र सौ किलोमीटर की योजना बनायी- घर से औंढा नागनाथ इस ज्योतिर्लिंग तक| १०२ किलोमीटर होंगे| नई साईकिल से अभ्यास भी हो जाएगा और इस साईकिल चलाने के बारे में समझ भी बढ़ेगी| १२ अगस्त को सुबह छह बजे घर से निकला| बारिश के दिन तो हैं, पर बारिश आँखमिचौली खेल रही है| सुबह के ताज़गीभरे माहौल में साईकिलिंग करने का बड़ा मज़ा आ रहा है| आज साईकिल तिसरे गेअर पर नही चलाऊँगा| ज्यादा तर २-५, २-६ काँबीनेशन्स ही इस्तेमाल करूँगा| परभणी के कुछ साईकिलिस्ट भी साथ हैं|करीब एक घण्टे में झिरो फाटा क्रॉस कर लिया| यहाँ से आगे रास्त भी थोड़ा कम स्तर का है और अब सोलो राईड होगी|




Tuesday, February 23, 2016

दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत

दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड




दोस्ती साईकिल से १४: "नई साईकिल" से नई शुरुआत

मार्च २०१४ में काफी साईकिल चलायी थी| लेकिन जैसे तय हो गया की इस बार लदाख़ को साईकिल पर नही जा सकूँगा, एकदम से बड़ा अन्तराल आ गया| साईकिल रूक ही गई| मार्च में एक लय में साईकिल चलायी थी, एक टेंपो आ गया था और अचानक से बड़ा विराम आया| जैसे कोई बल्लेबाज इनिंग की बुनियाद खड़ी करने के बाद अचानक आउट हो जाए! लेकिन ऐसा ही होता है! हमको लगता है कि हम सब करते हैं, सब हम ही कर रहे हैं| लेकिन वास्तव में बहुत कुछ 'होता' है या हम जो 'करते' है; वह भी 'होता' ही है| इसलिए जब साईकिल चलाना नही हो रहा था, तो नही हुआ| बड़े अन्तराल के बीच मई महिने में सिर्फ एक बार साईकिल उठायी थी| बेमौसम बारीश में साईकिल का लुफ्त लिया था| खैर





Monday, December 28, 2015

दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड  


ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड

२०१४ के मार्च में अच्छी साईकिलिंग जारी रही| शतक करने के दो दिन बाद और एक राईड हुई| पुणे जिले के ग्रामीण इलाकों में गाँवों को जोडनेवाली सड़कों पर भी साईकिल चलायी| हर एक राईड का अपना अलग मज़ा होता है| और यदि एक ही रूट पर भी‌ साईकिल चला रहे हैं, तो भी हर दिन का अलग मज़ा होता है|

इस राईड के लिए दोपहर साढ़े तीन बजे निकला| बड़ी राईड की योजना नही है, बस चालिस किलोमीटर तक घूमना है| गूगल मैप पर रूट तय किया और निकला| इस राईड में दो डैम दिखेंगे| भामा असखेड डैम के रोड पर जाऊँगा और उसे दूर से ही‌ देख कर वापस आऊँगा| आते समय जाधववाडी डैम के पास से और फिर भण्डारा हिल के पीछे से आनेवाली सड़क से आऊँगा| सामान्य, कच्ची और खराब सड़क पर से साईकिल जाएगी| मार्च महिना होने के कारण गर्मी बढ़ रही है और इसलिए हरियाली के बजाय रुखापन अधिक दिखा|


हाल ही में दिवंगत हुए किसान नेता शरद जोशी जी का घर





Friday, December 25, 2015

दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  


तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड


२०१४ के मार्च माह में पुणे जिले के चाकण क्षेत्र में अच्छी राईडस हुई| कुछ दिन लगातार साईकिल चलायी- लगभग हर रोज तीस चालिस किलोमीटर साईकिल चलायी| अब फिर बड़ी राईड की योजना बनायी- इस बार पुणे जिले में नारायणगाँव के पास जीएमआरटी अर्थात् Giant Meterwave Radio Telescope देखने जाना है| यह एक रेडिओ दुरबीन है और उसे देखने की इच्छा बरसों से थी| अब सोच रहा हूँ कि साईकिल पर ही वहाँ जाऊँ| चाकण में मै इन दिनों जहाँ रह रहा हूँ, वहाँ से यह करीब बावन किलोमीटर होगा|

सुबह सूरज उगने के समय निकला| पुणे- नाशिक हायवे पर ट्रैफिक कम है| सुबह की ताज़गी और रमणीय माहौल! भामा और भीमा नदियों को पार कर राजगुरूनगर पहूँच गया| यह क्रांतिकारी राजगुरू का गाँव है| अब यहाँ से यह हायवे सिंगल लेन होगा| इसपर बड़ी हेवी ट्रैफिक रहती है| पहले कुछ डर लगा, लेकिन फिर कोई दिक्कत नही आयी| गाँव में होटल ढूँढे, पर वे अभी बन्द है| कई बार ऐसा होता है कि हम होटल पसन्द करने में समय लगाते हैं और सभी होटल पीछे छूट जाते हैं! कुछ ऐसा ही हुआ और गाँव पीछे गया, लेकिन 'अच्छा' होटल नही मिला| थोड़ी देर बाद हायवे पर एक होटल मिला| नाश्ता कर आगे बढ़ा| यहाँ अब एक छोटा घाट है|







Monday, December 21, 2015

दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  

नई सड़कों पर साईकिल यात्रा

२०१४ के फरवरी माह में सिर्फ दो राईडस की- ११२ और ९३ किलोमीटर की| लेकिन अब धीरे धीरे लग रहा है कि नियमित रूप से साईकिल चलानी चाहिए| मार्च में कुछ दिन पुणे के चाकण के पास रहना हुआ| वहाँ साईकिल ले कर ही गया| इस दौरान काफी साईकिल चलायी| कई नई सड़कों पर यात्रा की| पुणे के डिएसके विश्व से निकलने के पहले लगातार दो बार डिएसके का क्लाईंब पार किया| अब ऐसी साधारण चढाई की आदत हो गई है| उसी दिन पुणे से चाकण जाते समय ही एक घाट रास्ते से गया- विश्रांतवाडी- आळंदी- चाकण| विश्रांतवाडी के आसपास मिलिटरी के कई स्थान है- बाँबे सॅपिअर्स, मिलिटरी इंजिनिअरिंग कॉलेज और अन्य| मिलिटरी के परिसर से जाते समय एक अलग अहसास होता है! जल्द ही लदाख़ में साईकिल चलाने के बारे में सोच रहा हूँ| मिलिटरी के जवान देख कर और हौसला बढ़ता है| आळंदी के बाद का घाट छोटा ही है| मुश्किल से ढाई किलोमीटर लम्बाई होगी और चढाई भी कम है| लेकिन नजारा बहुत सुन्दर| और खास बात यह कि सड़क पर यातायात बहुत कम है|‌ साईकिल चलानेवालों के लिए ट्रैफिक की दिक्कत बहुत होती है| हायवेज पर सड़क की गुणवत्ता अच्छी होने के बावजूद ट्रैफिक का डर लगता है| लेकिन ऐसे रास्ते हो तो बहुत मज़ा आता है| बिना कोई तकलीफ हुए पचास से अधिक किलोमीटर हो गए और चाकण पहुँच गया|








Thursday, December 17, 2015

दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!


दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 


एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!


८ फरवरी को दूसरा शतक होने के बाद कुछ दिन विराम आया| छोटी दूरी तक साईकिल चलाने की इच्छा नही हुई| इन दिनों मुझे छोटी पर नियमित राईडस का महत्त्व भी पता नही था| इसलिए विचार बड़ी राईडस का ही करता था| दिनों दिन डे- ड्रिमिंग चलता| शीघ्र ही अगली यात्रा की योजना बन गई| समन्दर का बड़ा आकर्षण मन में है| इसलिए सोच रहा हूँ कि समन्दर के तट तक साईकिल चलाऊँ| पुणे से कोंकण में दिवे आगार तक जाने की योजना बनायी| मेरे घर से करीब १६० किलोमीटर दूरी है| पहले १२१ और ११२ किलोमीटर चलाने के कारण १६० किलोमीटर करने का हौसला है| और इस राईड में मुझे घाट उतर कर कोंकण में जाना है| इसलिए करीब २० किलोमीटर की उतराई भी मिलेगी| इंटरनेट से सारी जानकारी जुटायी और तैयार हुआ|

२३ फरवरी २०१४| इस बार सुबह होने के पहले ५.३० बजे ही बाहर निकला| पहली बार एक इंडिकेटर लाईट का प्रयोग किया| साईकिल पर बोतल लगाने के लिए एक छोटा स्टँड भी लगाया है| सुबह की घनी ठण्ड| थोड़ी ही दूर जाते ही बोतल गिरी| फिर उसे बैग में ही रखा| अन्धेरे में ही राष्ट्रीय राजमार्ग ४ पर साईकिल चलाना शुरू किया| एक इंडिकेटर रखा है और एक टॉर्च जैसा लाईट भी लिया है| लेकिन जल्द ही ये दोनो पर्याप्त नही साबित हुए| करीब डेढ घण्टे तक अन्धेरे में ही साईकिल चलायी| हायवे पर चलाते समय दिक्कत आयी, लेकिन आगे और पीछे के वाहनों की रोशनी भी थी| बारह किलोमीटर बाद हायवे छोडा तब मुश्किल बढी, क्योंकि अब रोशनी बिल्कुल ही कम है| और बीच में तेज़ रफ्तारवाले वाहन अचानक से सामने आ रहे है| उससे आँखें चुन्धिया जा रही है| करीब डेढ घण्टे के बाद धीरे धीरे उजाला होने लगा| तब तक एक पाँचवे ग्रेड की चढाई पार हो गई|