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Tuesday, June 3, 2025

सायकल दिनानिमित्त आकाशवाणीवर मनोगत

नमस्कार. पावसाळ्यात निसर्गात सायकल चालवतानाचा आनंद खूप वेगळा! सगळीकडे हिरवागार परिसर, डोंगर, ढग, आणि पाऊस! झपाटलेलं वातावरण! रोमांचक असा अनुभव. खूप आतून शांत करणारा. अशा सायकल राईडस सुरू असताना आज जागतिक सायकल दिवस! सकाळी 23 किलोमीटरची राईड केली आणि आकाशवाणी परभणी केंद्र लावलं! "तिसरं चाक" कार्यक्रमात परभणीच्या चार सायकलिस्टसचं मनोगत होतं. मी आणि माझे तीन सायकल मित्रही- डॉ. पवन चांडक, डॉ. शिवा ऐथाल आणि विनोद शेंडगे सर हेही त्यात होते. हा कार्यक्रम परभणी आकाशवाणी केंद्राने सादर केला व तो राज्यभर प्रक्षेपित झाला. त्यामध्ये सगळ्यांचे सायकलिंगचे अनुभव, सामाजिक उपक्रम, आरोग्याचे वेगवेगळे पैलू, मोबाईल व्यसनमुक्ती, वाचन चळवळ, फिटनेस, ध्यान अशा अनेक मुद्द्यांची चर्चा झाली. ही संधी दिल्याबद्दल आकाशवाणी परभणी केंद्र व त्यांच्या संपूर्ण टीमचे आभार! ह्या 15 मिनिटांच्या कार्यक्रमाचं रेकॉर्ड इथे उपलब्ध आहे. 
 

होशवालों को खबर क्या... पेडलिंग क्या चीज़ है...
राईड कीजिए, फिर समझिए ज़िन्दग़ी क्या चीज़ है...

आणि हो, सर्वांना सायकल दिनाच्या शुभेच्छा! पण ह्या शुभेच्छा सायकल चालवून किंवा अन्य कोणताही दमवणारा व्यायाम करून द्यायच्या असतात असं शास्त्र आहे! माझ्या सायकलिंगचे फोटोज इथे बघता येतील. धन्यवाद. 

-निरंजन वेलणकर 09422108376. आकाश दर्शन, ध्यान, फन- लर्न व फिटनेस सत्रे. पोस्ट लिहील्याचा दिनांक: 3 जून 2025.

Wednesday, December 19, 2018

एचआयवी एड्स इस विषय को लेकर जागरूकता हेतु एक साईकिल यात्रा के अनुभव: १०. नान्देड से कळमनुरी

१०. नान्देड से कळमनुरी

इस लेख माला को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए|

२१ नवम्बर, इस यात्रा का दसवा दिन| नान्देड में सुबह निकलते निकलते एक योग शिक्षिका से थोड़ी देर मिलना हुआ| इस पूरी यात्रा में कई जगहों पर लोगों से मिलना हो रहा है| यह क्रम इतना लगातार जारी रहा कि २५ नवम्बर को यात्रा पूरी होने के बाद भी कई दिनों तक इसी यात्रा के सपने आते रहे और सपने में यात्रा में कुछ कुछ स्थानों पर लोगों को मिल रहा हूँ, ऐसा लगता रहा! नान्देड के भाग्यनगर से निकला, एअरपोर्ट के रास्ते अर्धापूर की तरफ जानेवाले हायवे पर आया| कुछ दूरी तक उतराई मिली| सुबह की ताज़गी और ठण्डक भी! उसके साथ शानदार मख्खन जैसा हायवे! घी में शक्कर! अभी‌ साईकिल चलाना मानो महसूस ही नही हो रहा है| पहले योजना बनाई थी कि नान्देड से हिंगोली जाऊँगा और अगले दिन हिंगोली‌ से वाशिम जाऊँगा| लेकीन इसमें नान्देड- हिंगोली ९२ किलोमीटर होते और अगले दिन हिंगोली- वाशिम सिर्फ ५१ किलोमीटर ही होते| इसलिए इस असमान चरण को थोड़ा सुधारा और हिंगोली के १८ किलोमीटर पहले कळमनुरी रूकने की योजना बनाई| हिंगोली जिले का केन्द्र था, लेकीन वहाँ का कार्यक्रम कळमनुरी में करने के लिए सभी लोग राज़ी हुए| इससे आज मै सिर्फ ६८ किलोमीटर चलाऊँगा और कल भी लगभग इतने याने ६६ किलोमीटर ही चलाऊँगा| और बाद में ऐसा कुछ हुआ जिससे यह निर्णय बहुत सही साबित हुआ!





Tuesday, February 23, 2016

दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत

दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . . 
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . . 
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . . 
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . . 
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २! 
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . . 
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!  
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!  
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड 
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड




दोस्ती साईकिल से १४: "नई साईकिल" से नई शुरुआत

मार्च २०१४ में काफी साईकिल चलायी थी| लेकिन जैसे तय हो गया की इस बार लदाख़ को साईकिल पर नही जा सकूँगा, एकदम से बड़ा अन्तराल आ गया| साईकिल रूक ही गई| मार्च में एक लय में साईकिल चलायी थी, एक टेंपो आ गया था और अचानक से बड़ा विराम आया| जैसे कोई बल्लेबाज इनिंग की बुनियाद खड़ी करने के बाद अचानक आउट हो जाए! लेकिन ऐसा ही होता है! हमको लगता है कि हम सब करते हैं, सब हम ही कर रहे हैं| लेकिन वास्तव में बहुत कुछ 'होता' है या हम जो 'करते' है; वह भी 'होता' ही है| इसलिए जब साईकिल चलाना नही हो रहा था, तो नही हुआ| बड़े अन्तराल के बीच मई महिने में सिर्फ एक बार साईकिल उठायी थी| बेमौसम बारीश में साईकिल का लुफ्त लिया था| खैर