५: सिंहगढ़ पर रनिंग!
डिस्क्लेमर: यह लेख माला कोई भी टेक्निकल गाईड नही है| इसमें मै मेरे रनिंग के अनुभव लिख रहा हूँ| जैसे मै सीखता गया, गलती करता गया, आगे बढता गया, यह सब वैसे ही लिख रहा हूँ| इस लेखन को सिर्फ रनिंग के व्यक्तिगत तौर पर आए हुए अनुभव के तौर पर देखना चाहिए| अगर किसे टेक्निकल गायडन्स चाहिए, तो व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर सकते हैं|
इस लेख माला को शुरू से पढने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए|अगस्त २०१७ के अन्त में पहली निजी हाफ मैरेथॉन पूरी की| इससे काफी कुछ हौसला मिला| हालांकी अभी बहुत कुछ बाकी भी है| जैसे २१ के बजाय १९ किलोमीटर तक ही दौड़ पाया था और समय भी बहुत ज्यादा लगा| जैसे जैसे रनिंग करता रहूँगा, वैसे इसमें सुधार होगा| लेकीन चाहे समय अधिक लगा हो, इस दौड़ से ज्यादा दूरी दौड़ने का हौसला जरूर आया| और यह सिर्फ शारीरिक नही होता है| मन का टेंपरामेंट भी धीरे धीरे ही आता है| किसी भी चीज़ को आगे बढ़ाना हो, तो उसके लिए कुछ उद्देश्य मन में रखने चाहिए| क्यों कि अक्सर अगर हमारे सामने टारगेट हो, तो ही हम कोशिश करते हैं| शायद मेरे सामने साईकिलिंग में सुधार करने का टारगेट न होता, तो मै कभी रनिंग भी नही करता!


डिस्क्लेमर: यह लेख माला कोई भी टेक्निकल गाईड नही है| इसमें मै मेरे रनिंग के अनुभव लिख रहा हूँ| जैसे मै सीखता गया, गलती करता गया, आगे बढता गया, यह सब वैसे ही लिख रहा हूँ| इस लेखन को सिर्फ रनिंग के व्यक्तिगत तौर पर आए हुए अनुभव के तौर पर देखना चाहिए| अगर किसे टेक्निकल गायडन्स चाहिए, तो व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर सकते हैं|
इस लेख माला को शुरू से पढने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए|अगस्त २०१७ के अन्त में पहली निजी हाफ मैरेथॉन पूरी की| इससे काफी कुछ हौसला मिला| हालांकी अभी बहुत कुछ बाकी भी है| जैसे २१ के बजाय १९ किलोमीटर तक ही दौड़ पाया था और समय भी बहुत ज्यादा लगा| जैसे जैसे रनिंग करता रहूँगा, वैसे इसमें सुधार होगा| लेकीन चाहे समय अधिक लगा हो, इस दौड़ से ज्यादा दूरी दौड़ने का हौसला जरूर आया| और यह सिर्फ शारीरिक नही होता है| मन का टेंपरामेंट भी धीरे धीरे ही आता है| किसी भी चीज़ को आगे बढ़ाना हो, तो उसके लिए कुछ उद्देश्य मन में रखने चाहिए| क्यों कि अक्सर अगर हमारे सामने टारगेट हो, तो ही हम कोशिश करते हैं| शायद मेरे सामने साईकिलिंग में सुधार करने का टारगेट न होता, तो मै कभी रनिंग भी नही करता!