११: दोबारा नई शुरुआत
डिस्क्लेमर: यह लेख माला कोई भी टेक्निकल गाईड नही है| इसमें मै मेरे रनिंग के अनुभव लिख रहा हूँ| जैसे मै सीखता गया, गलती करता गया, आगे बढता गया, यह सब वैसे ही लिख रहा हूँ| इस लेखन को सिर्फ रनिंग के व्यक्तिगत तौर पर आए हुए अनुभव के तौर पर देखना चाहिए| अगर किसे टेक्निकल गायडन्स चाहिए, तो व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर सकते हैं|
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सितम्बर २०१८ में मेरी पहली फुल मैरेथॉन थी| २ सितम्बर को ३६ किलोमीटर दौड़ने से अच्छा हौसला आया| ३० सितम्बर के मैरेथॉन के पहले अब सिर्फ छोटे छोटे रन ही करने है| सिर्फ पैरों को हल्का सा अभ्यास देते रहना है| इसी दौरान मेरी साईकिल पर कोंकण जाने की योजना है| साईकिल रनिंग के मुकाबले बहुत हल्का व्यायाम है, इसीलिए ज्यादा सोचने की जरूरत नही समझी| सितम्बर में आठ दिन की साईकिल यात्रा कोंकण में की| वाकई यह बहुत रोमैंटिक यात्रा रही| एक तरह से एक सपना साकार हुआ| इस यात्रा से लौटते समय साईकिल वहीं पर रखनी पड़ी| बाद में उसे लेने के लिए जाना पड़ा| साईकिल यात्रा में तो नही, पर शायद उसके बाद की हुई कुछ यात्रा में कहीं इन्फेक्शन हो गया और मैरेथॉन के एक हफ्ते पहले वायरल बुखार हुआ| बाद में वीकनेस भी आया| इसके चलते बड़े दु:ख के साथ महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर में बूक की हुई मैरेथॉन रद्द करनी पड़ी| पहला मौका हाथ से गया| लेकीन इसका बहुत ज्यादा बुरा भी नही लगा| पहली बात मेरे विचार में ईवेंटस सिर्फ रिजल्ट डे होते हैं, परिणाम के दिन होते हैं| और परिणाम के दिनों से प्रक्रिया के दिन बड़े होते हैं| मैरेथॉन पूरी करने के स्तर तक मेरा स्टैमिना बढ़ गया था| अगर यह मैरेथॉन बूक नही करता तो वह नही हो पाता| भला मैच चूक गई, लेकीन मै मैच फिटनेस के करीब तो पहुँचा था| खैर|

बाद में कुछ दिनों तक विश्राम करना पड़ा| फिर धीरे धीरे वॉकिंग और साईकिलिंग शुरू की| छोटे छोटे रन शुरू किए| मैरेथॉन की तैयारी का अब इतना टेंशन नही है| क्यों कि जबसे मैने २५, ३० और ३६ ऐसे रन किए हैं, रनिंग मानसिक रूप से एकदम आसान हुआ है| उसकी प्रक्रिया और चरण भी समझ गया हूँ| उसके साथ काफी साईकिल चलाता हूँ, वॉक करता हूँ, योग और स्ट्रेंदनिंग भी है| तो रनिंग तो मै जैसे कर ही रहा हूँ| और जब लम्बे रन कर रहा था, तो उन दिनों एक समस्या आई थी और उस समस्या ने एक नया विकल्प भी बता दिया! बरसात के दिनों में बारीश के कारण और सड़क पर किचड़ होने के कारण रनिंग में कठिनाई लगती थी (वैसे तो यह सिर्फ एक एक्स्क्युज ही है)| या कभी सुबह जल्दी उठना नही होता था| तो ऐसे दिनों क्या करें? तब अचानक ख्याल आया कि क्यों ना इनडोअर रनिंग कर देखा जाए? इसे कर के देखा| घर में सिधी जगह ढूँढी और रनिंग किया| लेकीन रनर्स और साईकिलिस्ट के लिए जो बात बड़ी खास होती है- Strava app पर उसे रेकॉर्ड करना, वह नही हो पाया! क्यों कि घर में जीपीएस नही आता है, इसलिए रन की मैपिंग नही हुई| थोड़ा बुरा लगा, लेकीन फिर manual entry का विकल्प देखा! इससे रेकॉर्ड करने की भी समस्या हल हो गई| मोबाईल में म्युजिक प्लेअर में गाने लगा कर टायमर सेट कर दिया- ४४ मिनट और घर में ही रनिंग शुरू की| ४४ मिनट बाद रूक गया| अन्दाजन ६ किलोमीटर हुए, क्यों कि बार बार मूडने से गति कम होती है| इसमें बेअरफूट रनिंग का भी अच्छा अनुभव मिला| इसके साथ रनिंग का एक अलग विकल्प भी मिला! अब ऐसी एक्स्क्युज खुद को नही दे सकता हूँ कि सुबह जल्दी नही उठ पाया या बाहर सड़कों पर किचड़ है| अब तो हर रोज रनिंग मुमकीन है! हालांकी ऐसा नही कर पाया और मेरे विचार से मेरे लिए हर रोज रनिंग करने की आवश्यकता भी नही है| हफ्ते में तीन दिन ठीक है| क्यों कि उसके साथ मै बाकी के व्यायाम भी करता हूँ| बाद में यह भी महसूस हुआ कि इनडोअर रनिंग एक विकल्प के लिए ही ठीक है, वह बाहर के- धूप, बारीश और बहती हवा में होनेवाले रनिंग की जगह नही कर सकता है| लेकीन कभी कभी उपयोगी होता है|
अब मेरी पहली और अन्तिम मैरेथॉन टाटा मुम्बई मैथॉन जनवरी २०१९ होगी! अन्तिम इसलिए कि मुझे ईवेंट के बजाय प्रोसेस ज्यादा पसन्द आती है| जब मै खुद अकेले ३०- ३६ किलोमीटर दौड़ सकता हूँ तो बार बार ईवेंट की जरूरत महसूस नही होती है| हालांकी अब भी कुछ चीजें ठीक से करनी है| जैसे शूज सही ढूँढने हैं| अभी के जो नायके शूज हैं, वे अच्छे तो है, पर २५ किलोमीटर जैसी बड़ी दौड़ में काटते हैं| पुराने भी हो गए हैं (रनिंग में एक- डेढ साल में ही शूज बदलने होते हैं)| साथ ही २५ किलोमीटर के बाद मुझे रनिंग करना कठिन होता है, उसके बाद चलना पड़ता है| अगर ४२ किलोमीटर दौड़ना हो, तो इसे भी ठीक करना पड़ेगा| स्टैमिना बढ़ाना होगा| इसके लिए दिग्गज रनर्स का मार्गदर्शन भी लेता रहा| अक्तूबर में रिकवरी के कारण ज्यादा रन्स नही किए और नवम्बर में १४ दिन की साईकिल यात्रा की| उससे रनिंग में कुछ गैप हुई, अब नवम्बर के अन्तिम रविवार के साथ बड़े रन करूँगा और जनवरी के पहले एक बार ३६ किलोमीटर तक दौड़ूंगा|
अगला भाग: “भाग दौड़" भरी ज़िन्दगी- १२: मुंबई मैरेथॉन की तैयारी
डिस्क्लेमर: यह लेख माला कोई भी टेक्निकल गाईड नही है| इसमें मै मेरे रनिंग के अनुभव लिख रहा हूँ| जैसे मै सीखता गया, गलती करता गया, आगे बढता गया, यह सब वैसे ही लिख रहा हूँ| इस लेखन को सिर्फ रनिंग के व्यक्तिगत तौर पर आए हुए अनुभव के तौर पर देखना चाहिए| अगर किसे टेक्निकल गायडन्स चाहिए, तो व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर सकते हैं|
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सितम्बर २०१८ में मेरी पहली फुल मैरेथॉन थी| २ सितम्बर को ३६ किलोमीटर दौड़ने से अच्छा हौसला आया| ३० सितम्बर के मैरेथॉन के पहले अब सिर्फ छोटे छोटे रन ही करने है| सिर्फ पैरों को हल्का सा अभ्यास देते रहना है| इसी दौरान मेरी साईकिल पर कोंकण जाने की योजना है| साईकिल रनिंग के मुकाबले बहुत हल्का व्यायाम है, इसीलिए ज्यादा सोचने की जरूरत नही समझी| सितम्बर में आठ दिन की साईकिल यात्रा कोंकण में की| वाकई यह बहुत रोमैंटिक यात्रा रही| एक तरह से एक सपना साकार हुआ| इस यात्रा से लौटते समय साईकिल वहीं पर रखनी पड़ी| बाद में उसे लेने के लिए जाना पड़ा| साईकिल यात्रा में तो नही, पर शायद उसके बाद की हुई कुछ यात्रा में कहीं इन्फेक्शन हो गया और मैरेथॉन के एक हफ्ते पहले वायरल बुखार हुआ| बाद में वीकनेस भी आया| इसके चलते बड़े दु:ख के साथ महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर में बूक की हुई मैरेथॉन रद्द करनी पड़ी| पहला मौका हाथ से गया| लेकीन इसका बहुत ज्यादा बुरा भी नही लगा| पहली बात मेरे विचार में ईवेंटस सिर्फ रिजल्ट डे होते हैं, परिणाम के दिन होते हैं| और परिणाम के दिनों से प्रक्रिया के दिन बड़े होते हैं| मैरेथॉन पूरी करने के स्तर तक मेरा स्टैमिना बढ़ गया था| अगर यह मैरेथॉन बूक नही करता तो वह नही हो पाता| भला मैच चूक गई, लेकीन मै मैच फिटनेस के करीब तो पहुँचा था| खैर|
बाद में कुछ दिनों तक विश्राम करना पड़ा| फिर धीरे धीरे वॉकिंग और साईकिलिंग शुरू की| छोटे छोटे रन शुरू किए| मैरेथॉन की तैयारी का अब इतना टेंशन नही है| क्यों कि जबसे मैने २५, ३० और ३६ ऐसे रन किए हैं, रनिंग मानसिक रूप से एकदम आसान हुआ है| उसकी प्रक्रिया और चरण भी समझ गया हूँ| उसके साथ काफी साईकिल चलाता हूँ, वॉक करता हूँ, योग और स्ट्रेंदनिंग भी है| तो रनिंग तो मै जैसे कर ही रहा हूँ| और जब लम्बे रन कर रहा था, तो उन दिनों एक समस्या आई थी और उस समस्या ने एक नया विकल्प भी बता दिया! बरसात के दिनों में बारीश के कारण और सड़क पर किचड़ होने के कारण रनिंग में कठिनाई लगती थी (वैसे तो यह सिर्फ एक एक्स्क्युज ही है)| या कभी सुबह जल्दी उठना नही होता था| तो ऐसे दिनों क्या करें? तब अचानक ख्याल आया कि क्यों ना इनडोअर रनिंग कर देखा जाए? इसे कर के देखा| घर में सिधी जगह ढूँढी और रनिंग किया| लेकीन रनर्स और साईकिलिस्ट के लिए जो बात बड़ी खास होती है- Strava app पर उसे रेकॉर्ड करना, वह नही हो पाया! क्यों कि घर में जीपीएस नही आता है, इसलिए रन की मैपिंग नही हुई| थोड़ा बुरा लगा, लेकीन फिर manual entry का विकल्प देखा! इससे रेकॉर्ड करने की भी समस्या हल हो गई| मोबाईल में म्युजिक प्लेअर में गाने लगा कर टायमर सेट कर दिया- ४४ मिनट और घर में ही रनिंग शुरू की| ४४ मिनट बाद रूक गया| अन्दाजन ६ किलोमीटर हुए, क्यों कि बार बार मूडने से गति कम होती है| इसमें बेअरफूट रनिंग का भी अच्छा अनुभव मिला| इसके साथ रनिंग का एक अलग विकल्प भी मिला! अब ऐसी एक्स्क्युज खुद को नही दे सकता हूँ कि सुबह जल्दी नही उठ पाया या बाहर सड़कों पर किचड़ है| अब तो हर रोज रनिंग मुमकीन है! हालांकी ऐसा नही कर पाया और मेरे विचार से मेरे लिए हर रोज रनिंग करने की आवश्यकता भी नही है| हफ्ते में तीन दिन ठीक है| क्यों कि उसके साथ मै बाकी के व्यायाम भी करता हूँ| बाद में यह भी महसूस हुआ कि इनडोअर रनिंग एक विकल्प के लिए ही ठीक है, वह बाहर के- धूप, बारीश और बहती हवा में होनेवाले रनिंग की जगह नही कर सकता है| लेकीन कभी कभी उपयोगी होता है|
अब मेरी पहली और अन्तिम मैरेथॉन टाटा मुम्बई मैथॉन जनवरी २०१९ होगी! अन्तिम इसलिए कि मुझे ईवेंट के बजाय प्रोसेस ज्यादा पसन्द आती है| जब मै खुद अकेले ३०- ३६ किलोमीटर दौड़ सकता हूँ तो बार बार ईवेंट की जरूरत महसूस नही होती है| हालांकी अब भी कुछ चीजें ठीक से करनी है| जैसे शूज सही ढूँढने हैं| अभी के जो नायके शूज हैं, वे अच्छे तो है, पर २५ किलोमीटर जैसी बड़ी दौड़ में काटते हैं| पुराने भी हो गए हैं (रनिंग में एक- डेढ साल में ही शूज बदलने होते हैं)| साथ ही २५ किलोमीटर के बाद मुझे रनिंग करना कठिन होता है, उसके बाद चलना पड़ता है| अगर ४२ किलोमीटर दौड़ना हो, तो इसे भी ठीक करना पड़ेगा| स्टैमिना बढ़ाना होगा| इसके लिए दिग्गज रनर्स का मार्गदर्शन भी लेता रहा| अक्तूबर में रिकवरी के कारण ज्यादा रन्स नही किए और नवम्बर में १४ दिन की साईकिल यात्रा की| उससे रनिंग में कुछ गैप हुई, अब नवम्बर के अन्तिम रविवार के साथ बड़े रन करूँगा और जनवरी के पहले एक बार ३६ किलोमीटर तक दौड़ूंगा|
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