६: देवगड़ बीच और किला
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देवगड़ में पहुँचने की उत्तेजना काफी देर रही| फार्म हाउस के विरान इलाके में वह दिन बिता| पाँच दिनों में ४१३ किलोमीटर से अधिक दूरी पार हो गई! इस साईकिल को कैसे धन्यवाद दूं? यह फार्म हाऊस मुख्य सड़क से लगभग आधा किलोमीटर अन्दर है और यहाँ की सड़क बिल्कुल कच्ची और पथरिली है| आते समय पहले तो लगा कि साईकिल पैदल ही लानी ठीक होगी| लेकीन इतने दिन साईकिल चलाने से हौसला बढ़ गया था| इसलिए धीरे धीरे उस कच्ची सड़क या ट्रेल पर भी साईकिल चला के घर पहुँचा था| मेरे रिश्तेदार कल आएंगे, इसलिए घर में भी खामोशी है| यहाँ ठहरना एक तरह से बाहरी दुनिया से सम्पर्क क्षीण करने जैसा है| टिवी नही, इंटरनेट भी धिमा और कभी भी रूक जाएगा ऐसा| लेकीन रिलैक्स करने के लिए बहुत बेहतर माहौल| अब एक तरह से इस यात्रा का मुख्य हिस्सा पूरा हुआ है| इसलिए मन से भी रिलैक्स महसूस कर रहा हूँ| अच्छे विश्राम के बाद ११ सितम्बर को अब देवगड़ किला और बीच देखना है|
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देवगड़ में पहुँचने की उत्तेजना काफी देर रही| फार्म हाउस के विरान इलाके में वह दिन बिता| पाँच दिनों में ४१३ किलोमीटर से अधिक दूरी पार हो गई! इस साईकिल को कैसे धन्यवाद दूं? यह फार्म हाऊस मुख्य सड़क से लगभग आधा किलोमीटर अन्दर है और यहाँ की सड़क बिल्कुल कच्ची और पथरिली है| आते समय पहले तो लगा कि साईकिल पैदल ही लानी ठीक होगी| लेकीन इतने दिन साईकिल चलाने से हौसला बढ़ गया था| इसलिए धीरे धीरे उस कच्ची सड़क या ट्रेल पर भी साईकिल चला के घर पहुँचा था| मेरे रिश्तेदार कल आएंगे, इसलिए घर में भी खामोशी है| यहाँ ठहरना एक तरह से बाहरी दुनिया से सम्पर्क क्षीण करने जैसा है| टिवी नही, इंटरनेट भी धिमा और कभी भी रूक जाएगा ऐसा| लेकीन रिलैक्स करने के लिए बहुत बेहतर माहौल| अब एक तरह से इस यात्रा का मुख्य हिस्सा पूरा हुआ है| इसलिए मन से भी रिलैक्स महसूस कर रहा हूँ| अच्छे विश्राम के बाद ११ सितम्बर को अब देवगड़ किला और बीच देखना है|