दोस्ती साईकिल से १: पहला अर्धशतक
दोस्ती साईकिल से २: पहला शतक
दोस्ती साईकिल से ३: नदी के साथ साईकिल सफर
दोस्ती साईकिल से ४: दूरियाँ नज़दिकीयाँ बन गईं. . .
दोस्ती साईकिल से ५: सिंहगढ़ राउंड १. . .
दोस्ती साईकिल से ६: ऊँचे नीचे रास्ते और मन्ज़िल तेरी दूर. . .
दोस्ती साईकिल से ७: शहर में साईकिलिंग. . .
दोस्ती साईकिल से ८: सिंहगढ़ राउंड २!
दोस्ती साईकिल से ९: दूसरा शतक. . .
दोस्ती साईकिल से १०: एक चमत्कारिक राईड- नर्वस नाइंटी!
दोस्ती साईकिल से ११: नई सड़कों पर साईकिल यात्रा!
दोस्ती साईकिल से १२: तिसरा शतक- जीएमआरटी राईड
दोस्ती साईकिल से १३: ग्रामीण सड़कों पर साईकिल राईड
दोस्ती साईकिल से: १४ "नई साईकिल" से नई शुरुआत
दोस्ती साईकिल से: १५: औंढा नागनाथ के साथ चौथा शतक
दोस्ती साईकिल से: १६: पाँचवा शतक- लोअर दुधना डैम
दोस्ती साईकिल से: १७: एक ड्रीम माउंटेन राईड- साक्री से नन्दुरबार
दोस्ती साईकिल से: १८: तोरणमाळ हिल स्टेशन पर साईकिल ट्रेक!
दोस्ती साईकिल से: १९: हौसला बढ़ानेवाली राईडस!
दोस्ती साईकिल से: २०: इंज्युरी के बाद की राईडस
दोस्ती साईकिल से: २१: चढाई पर साईकिल चलाने का आनन्द
दोस्ती साईकिल से: २२: सिंहगढ़ राउंड ३ सिंहगढ़ पर फतह!
दोस्ती साईकिल से: २३: नई हैं मन्जिलें. . नए है रास्ते नया नया सफर है तेरे वास्ते. . .
अप्रैल की गरमी में १४८ किलोमीटर
मार्च में अच्छी साईकिलिंग हुई| अब लदाख़ यात्रा का ट्रेन का बूकिंग भी कर लिया है| अभी भी दो महिने है तैयारी के लिए| राईडस जारी रही| एक बड़ी राईड के उद्देश्य से ११ एप्रिल २०१५ को सुबह निकला| आज २०० किलोमीटर करने का लक्ष्य है| परभणी से जिंतूर- जालना- औरंगाबाद ऐसे जाऊँगा|साईकिल चलाते समय भी एक ही ख्याल मन में है- तैयारी कैसे आगे बढ़ायी जाए? लदाख़ यात्रा की तैयारी के कई पहलू है| पहली बात साईकिलिंग का अभ्यास और फिटनेस- स्टैमिना| उसके लिए भी कई बाते हैं जैसे साईकिलिंग के साथ जंपिंग, पूरक योगा, प्राणायाम और स्ट्रेचिंग| मै साईकिलिंग और योगा तो रेग्युलर कर रहा हूँ, लेकिन स्ट्रेचिंग और वार्म अप जैसे एक्सरसाईज अभी किए नही हैं| और कुछ चीजें अनुभव से पता चली वो करता हूँ- जैसे शाम को राईड होने के बाद पैर दीवार पर रख कर लेटना, पैरों को साईकिलिंग के विपरित मूवमेंट होने के लिए पादसंचालनासन जैसे कुछ योगासन और मुख्य रूप से प्राणायाम अर्थात् साँस का अभ्यास| लेकिन इस दिशा में अभी बहुत कुछ किया जा सकता है| दूसरी बात साईकिल का रिपेअरिंग सीखना| वहाँ भी अभी बहुत कुछ करना है| हालाकि मन में जो बात सबसे कठिन लगती थी, वह चढ़ाई पर साईकिलिंग है और उसमें मै एक स्तर तक पहूँच गया हूँ| खैर|